प्रदेश को विकसित बनाने के लिए औद्योगिक संवर्धन नीति सहित अनेक नीतियां स्वीकृत

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में सम्पन्न हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश को विकसित एवं समृद्ध राज्य बनाने के लिए औद्योगिक संवर्धन नीति 2025 की स्वीकृति दी गयी है। इसके अंतर्गत 10 सेक्टर विशिष्ट नीतियों यथा कृषि, डेयरी एवं खाद्य प्रसंस्करण नीति, टेक्सटाइल नीति, परिधान, फुटवियर, खिलौने और सहायक उपकरण नीति, एयरोस्पेस और रक्षा उत्पादन प्रोत्साहन नीति, फार्मास्यूटिकल्स नीति, बायोटेक्नोलॉजी नीति, मेडिकल डिवाईसेस नीति, ईव्ही विनिर्माण नीति, नवकरणीय ऊर्जा उपकरण विनिर्माण नीति और हाई वेल्यू-एड विनिर्माता नीति को स्वीकृति दी गयी है।
औद्योगिक संवर्धन नीति 2025 का उदेश्य मध्य प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने और राज्य की वर्तमान जीडीपी को 2.9 लाख करोड़ रूपये से बढ़ाकर वर्ष 2030 तक लगभग 6 लाख करोड़ रूपये करने में उद्योगों का योगदान बढ़ाना है। निवेशकों को एक समग्र औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने के लिए विश्व स्तरीय औद्योगिक अधोसंरचना का विकास करना, एनवायरनमेंटली सस्टेनेबल इंडस्ट्रियल ग्रोथ और संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना, राज्य में रोजगार के अवसरों को बढ़ाना, विशेष रूप से रोजगार-गहन क्षेत्रों पर जोर देते हुए अगले पाँच वर्षों में लगभग 20 लाख नवीन रोजगार के अवसर सृजित करना,निवेशक सुविधा में सुधार करना और राज्य में व्यापार करने की प्रक्रिया को सरल बनाना और प्रदेश की योजनाओं को उद्योगों की आवश्यकताओं के साथ संरेखित कर भविष्य के लिए प्रशिक्षित कार्यबल तैयार करना है। इसके अंतर्गत वृहद और मेगा स्तर की औद्योगिक इकाई को निवेश प्रोत्साहन सहायता, सामान्य सहायता और अतिरिक्त सहायता के प्रावधान शामिल किये गये है।
कृषि, डेयरी एवं खाद्य प्रसंस्करण नीति में विद्युत टैरिफ प्रतिपूर्ति 1 रूपये प्रति यूनिट 5 वर्षों के लिए प्रदाय की जायेगी। गुणवत्ता प्रमाणन के लिए प्रोत्साहन, 50% अथवा 5 लाख जो भी कम हो 5 वर्षों के लिए प्रदाय किया जायेगा। इसके साथ ही 75 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाले खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां सीसीआईपी अंतर्गत कस्टामाईज्ड पैकेज के लिए पात्र होंगी।
टैक्सटाइल नीति के अंतर्गत्संयंत्र और मशीनरी के लिए गए टर्मलोन पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान सुविधा 5 वर्षों के लिए अधिकतम, 50 करोड़ रूपये प्रदाय की जायेगी। अपेरल प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना पर 25 प्रतिशत सहायता अधिकतम 50 लाख रूपये वित्तीय सहायता प्रदाय की जायेगी। साथ ही 500 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश करने वाली मेगा श्रेणी की इकाईयां सीसीआईपी अंतर्गत कस्टमाईज्ड पैकेज के लिए पात्र होंगी।
परिधान, फुटवियर, खिलौने और सहायक उपकरण नीति में रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए प्रति कर्मचारी 5 हजार रूपये प्रति माह 5 वर्षों तक, कुल 10 वर्षों की अवधि में प्रदान किये जायेंगे। प्रशिक्षण और कौशल विकास के लिए 13 हजार रूपये प्रति नए कर्मचारी के लिए 5 वर्षों तक प्रदान किया जायेगा। टर्मलोन पर 5% ब्याज अनुदान, अधिकतम 50 करोड़ रूपये दिया जायेगा। विकास शुल्क में 25% की रियायत देने के साथ स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क सहायता में 100 प्रतिशत की छूट दी जायेगी। विद्युत टैरिफ रियायत के रूप में 1 रूपये प्रति यूनिट, अधिकतम 5 वर्षों के लिए प्रदान की जायेगी। अपेरल प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना पर 25 प्रतिशत सहायता अधिकतम 50 लाख रूपये प्रदाय की वित्तीय सहायता प्रदाय की जायेगी। इसके साथ ही 75 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश करने वाली मेगा श्रेणी इकाइयां कस्टामाईज्ड पैकज के लिए पात्र होंगी।