रेलवे रिजर्वेशन सिस्टम में बदलाव, दिल्ली के क्रिस के सर्वर से जुड़ने से तेजी से बुक होंगे टिकट

ग्वालियर. रेलवे स्टेशन के आरक्षण कार्यालय पर कोई यात्री टिकट बुक कराने जाता है तो उसकी निगाह की-बोड पर तेजी से चलती बुकिंग क्लर्क की अंगुलियों पर जरूर जाती है। पिछले 38 सालों से रेलवे के आरक्षण कार्यालयों से लेकर अनारक्षित टिकट खिडकी पर लगे कंप्यूटरों में की-बोर्ड से ही काम होता है लेकिन अब सिस्टम में बदलाव होने जा रहा है। अब की-बोर्ड के अलावा रेलवे के बुकिंग क्लर्क माउस का भी इस्तेमाल करते हुए नजर आएंगे। रेलवे बोर्ड द्वारा अब नेक्स्ट जनरेशन पीआरएस सिस्टम तैयार कराया जा रहा है जिसका ट्रायल शुरू कराया गया है।
ब्ुकिंग क्लर्कों की ट्रेनिंग भी दिल्ली से कराई जा रही
इस नए पीआरएस सिस्टम को वेबसाइट की तर्ज पर तैयार कराया गया है जिसमें टिकट आरक्षित करने की प्रक्रिया में तेजी आएगी। सेंटर फॉर रेलवे इंफार्मेशन सिस्टम (क्रिस) द्वारा तैयार किए गए नए सिस्टम में आरक्षण से लेकर टिकट रद्द करने, टिकट में बदलाव करने के अलग-अलग विकल्प मौजूद रहेंगे। इस नए सिस्टम को आगामी अगस्त माह से लागू करने की तैयारी की जा रही है।
फिलहाल ग्वालियर रेलवे स्टेशन के आरक्षण कार्यालय में नए साफ्टवेयर से जुड़े हुए दो कंप्यूटर लगाए गए हैं, जिनसे टिकट बुक कराए जा रहे हैं। इस सिस्टम पर माउस के इस्तेमाल से ही टिकटों की बुकिंग होती है। गौरतलब है कि रेलवे में 20 फरवरी 1986 को कंप्यूटरीकृत टिकट आरक्षण व्यवस्था लागू की गई थी। ग्वालियर में सात साल बाद वर्ष 1993 में कंप्यूरीकृत आरक्षण कार्यालय शुरू कराया गया था। तब से लेकर अब तक आरक्षण कार्यालय में काम करने वाले क्लर्क की-बोर्ड के जरिये ही टिकट बुकिंग का काम करते हैं।