सपा से गठबंधन के बाद आगे की रणनीति में जुटीं मायावती, छोटी पार्टियों से भी करेंगी 'दोस्ती'

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी(सपा) से गठबंधन करने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती अब आगे की रणनीति बनाने में जुट गई हैं. आगमी लोकसभा में अपनी जीत दुरुस्त करने के लिए और ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करने के लिए मायावती दूसरे राज्यों की मजबूत छोटी पार्टियों से भी गठबंधन करने की तैयारी कर रही हैं.

इसमें विशेष रुप से ध्यान रखा जाएगा जिन राज्यों में छोटी पार्टी जिनका वोट बैंक अच्छा है उनसे संपर्क कर गठबंधन करने की कवायद की जाए. इसको लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता छोटे दलों से संपर्क में है.

दरअसल राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते बहुजन समाज पार्टी(बसपा) सभी राज्यों में चुनाव लड़ती है, लेकिन सीटों का प्रतिशत उस लिहाज से काफी कम रहा है. पिछली बार के आम चुनाव में बसपा ने 25 राज्यों की 503 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे. लेकिन एक भी सीट नहीं जीत सकी थी.

इससे पहले के आम चुनाव में बसपा से 21 सांसद चुने गए थे. लिहाजा इन सब स्थितियों को देखते हुए मायावती नहीं चाहतीं कि 2019 के चुनाव में किसी भी तरीके से गठबंधन को लेकर कमी रहे और उनकी सीटें कम आएं. लिहाजा एक तरफ मायावती जहां छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस से गठबंधन तय कर चुकी हैं, वहीं हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल के साथ बसपा का गठबंधन रहेगा.

इस मामले में इंडियन नेशनल लोक दल के नेता अजय चौटाला ने मायावती से हाल ही में दिल्ली में मुलाकात भी की थी. मायावती कर्नाटक में लोकसभा चुनाव में जनता दल एस के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी. इसके साथ ही साथ दूसरे राज्यों की क्षेत्रीय पार्टियों से भी बसपा संपर्क में है जिससे एक मजबूत गठबंधन तैयार किया जा सके.