पाकिस्तान सरकार की गलती की सजा भुगतेगी आवाम, 220 रुपए किलो पहुंचे चीनी के दाम, अरबों का हुआ घाटा तो उठाया यह कदम
नई दिल्ली. पाकिस्तान के लोग इस वक्त महंगाई की चौतरफा मार झेल रहे हैं. पेट्रोल-डीजल के रेट पहले ही सातवें आसमान पर हैं. बिजली की बढ़ी कीमतों को लेकर आवाम सड़कों पर है. इसी बीच पड़ोसी देश में कुछ ऐसा हुआ, जिसके चलते सरकार को अरबों डॉलर की चपत लग गई. पहले ही पाकिस्तान कम होते विदेशी मुद्रा भंडार से जूझ रहा है. अब उन्हें बेवजह 10 लाख मीट्रिक टन चीनी का आयात करने पर मजबूर होना पड़ रहा है.
दरअसल, हुआ कुछ यूं कि चीनी मिल मालिकों की तरफ से यह गलत जानकारी सरकार को दी गई कि देश में चीनी का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है. ऐसे में सरकार की तरफ से इसके निर्यात की इजाजत दे दी गई. असल स्थिति इसके विपरीत थी, जिसके चलते देश में चीनी की किल्लत पैदा हो गई. देखते ही देखते देश में चीनी के दाम 200 रुपये के पार पहुंच गए और बाजार में हाहाकार मच गया. ऐसे में अब पाकिस्तान की केयर टेकर सरकार ने 10 लाख मीट्रिक टन चीनी मौजूदा कीमत पर आयात करने का निर्णय लिया है ताकि घरेलू दामों को कंट्रोल किया जा सके.
लगभग 10 लाख मीट्रिक टन चीनी का स्टॉक होने के बावजूद, पाकिस्तान के पंजाब खाद्य विभाग ने निकट भविष्य में चीनी संकट के बारे में चेतावनी जारी की है. पाकिस्तान सरकार के पास अब संकट को कम करने के लिए अतिरिक्त स्टॉक का उपयोग करने का एकमात्र विकल्प ही बचा है. आवाम को 100 प्रति प्रति किलो के आधिकारिक दाम के बजाय चीनी के लिए 220 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं.
अब पाकिस्तानी सरकार ने चीनी मिल मालिकों द्वारा प्रदान की गई भ्रामक जानकारी के कारण हुई कमी को दूर करने के लिए 1 मिलियन मीट्रिक टन चीनी आयात करने का निर्णय लिया है. ऐसे में पहले से डालर की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए आगे आने वाले वक्त में दिक्कतें बढ़ने वाली हैं.