उद्धव ठाकरे के इस्तीफे पर बागी विधायक ने दी प्रतिक्रिया, कहा- हम इस फैसले से खुश नहीं हैं

मुंबई. महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने बीते बुधवार की देर रात को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. वहीं एकनाथ शिंदे खेमे से शिवसेना के एक बागी विधायक ने बुधवार को कहा कि उद्धव ठाकरे का महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा “हमारे लिए खुशी की बात नहीं है”. उन्होंने संकेत दिया कि दरार शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ पार्टी के गठबंधन का नतीजा थी. बागी विधायक ने शिवसेना नेता संजय राउत की भूमिका को भी रेखांकित किया. जिनकी पार्टी में बढ़ती प्रमुखता के चलते एकनाथ शिंदे असहज हो गए थे. शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने एनडीटीवी के साथ एक विशेष इंटरव्यू में कहा, “उद्धव ठाकरे ने हमारे द्वारा उठाए गए मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया.” हम सभी इस बात से दुखी हैं कि एनसीपी और कांग्रेस से लड़ते हुए हमें अपने नेता पर भी गुस्सा आ गया था. उन्होंने कहा, इसका कारण एनसीपी और संजय राउत थे, “जिनका काम केंद्र सरकार के खिलाफ हर दिन बयान देना और केंद्र और राज्य के बीच खराब रिश्ता बनाना है”.

एकनाथ शिंदे द्वारा विद्रोह और उनका समर्थन करने वाले 50 विधायकों, उनमें से 40 शिवसेनाके हैं. उन्होंने ठाकरे के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का अंत कर दिया है. शिंदे गुट ने तर्क दिया कि वे वैचारिक रूप से असंगत कांग्रेस और राकांपा के साथ “अप्राकृतिक” गठबंधन को समाप्त करना चाहते हैं और भाजपा के साथ वापस आना चाहते हैं. आठ दिनों की राजनीतिक उथल-पुथल के बाद, जब सप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया तो उद्धव ठाकरे ने कल शाम शीर्ष पद से इस्तीफा दे दिया. एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद टीम ठाकरे, 15 विधायकों तक सिमट गई, शिवसेना ने अदालत से फ्लोर टेस्ट को रोकने के लिए कहा था.

केसरकर ने इंटरव्यू में बताया कि “कई सांसद हैं जो कांग्रेस और राकांपा से नाराज़ हैं,”. उन्होंने कहा, ‘राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष हमारे इलाके में जाते थे और अपने लोगों के नामों की घोषणा करते थे. हमारी वजह से ही ये लोग सत्ता में आए. हर शाम संजय राउत (केंद्र) को गालियां दे रहे थे. लोग परेशान हो गए.’ हमने प्रार्थना की कि किसी भी पार्टी के पास ऐसा प्रवक्ता न हो.” पहले सूरत और फिर गुवाहाटी में डेरा डाले हुए बागी विधायक फ्लोर टेस्ट को लेकर दिन भर के सस्पेंस के बीच गोवा चले गए. शिंदे के गुट ने अदालत में घोषित किया कि वे असली शिवसेना हैं और भाजपा के साथ अपने गठबंधन को नया करना चाहते हैं.