यूक्रेन से आए छात्र डॉक्‍टर बनें, सरकार यह सुनिश्चित कर रही- लोकसभा में बोले धर्मेंद्र प्रधान

रूस और यूक्रेन के बीच जारी भीषण युद्ध (Russia Ukraine War) में अब तक 1700 से अधिक लोगों की मौत होने की जानकारी सामने आई है. दोनों देशों के बीच जंग लगातार जारी है. इस जंग की शुरुआत में ही भारत सरकार (Indian Government) ने यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने का काम शुरू कर दिया था. ऑपरेशन गंगा के तहत इन सभी को विमानों से भारत लाया गया. इनमें बड़ी संख्‍या उन छात्र-छात्राओं की है, जो यूक्रेन में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे. लेकिन युद्ध के कारण वहां से उन्‍हें पढ़ाई छोड़कर भारत आना पड़ा. अब उनकी आगे की पढ़ाई को लेकर संशय बना है. इस बीच केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में यह आश्‍वासन दिया है कि भारत सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि इन स्‍टूडेंट की पढ़ाई पूरी हो और वे डॉक्‍टर बन सकें.

बजट सत्र के दौरान धर्मेंद्र प्रधान ने यह आश्‍वासन दिया कि सरकार ऐसे स्‍टूडेंट को लेकर सभी व्‍यवस्‍थाओं पर विचार कर रही है. वह कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई द्वारा उठाए गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे, जो जानना चाहते थे कि क्या भारतीय छात्रों को उनकी डिग्री पूरी करने में मदद करने के लिए यूक्रेन की सीमा से लगे देशों के विश्वविद्यालयों के साथ कोई बातचीत चल रही है.

बता दें कि यूक्रेन के खिलाफ रूस के सैन्य अभियान के दो दिन बाद शुरू किये गए ऑपरेशन गंगा अभियान के तहत अब तक 18 हजार से अधिक भारतीयों को स्वदेश वापस लाया गया है. 24 फरवरी से रूस के सैन्य अभियान शुरू होने के बाद पूर्वी यूरोपीय देश यूक्रेन में फंसे हुए भारतीयों को वहां से निकलने में मदद करने के लिए ऑपरेशन गंगा के तहत एक चुनौतीपूर्ण निकासी अभियान चला रही है.

वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को यूक्रेन की स्थिति पर चिंता जताई. उन्होंने इस पर जोर दिया कि भारत कूटनीतिक प्रयासों से युद्धग्रस्त देश में शांति स्थापित करने की वकालत करता है. बिरला ने यह भी कहा कि विकास केवल शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण विश्व में ही संभव है और सबको मिलकर इस दिशा में काम करना चाहिए.

भारत ने सोमवार को यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध को रोकने के लिए दोनों देशों के बीच सीधे संपर्क और बातचीत का आह्वान किया. भारत ने इस दौरान कहा कि वह इन दोनों देशों के संपर्क में रहा है और बना रहेगा.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी उपप्रतिनिधि आर रवींद्र ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून, राज्यों (देशों) की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने पर जोर देता रहा है. भारत लगातार यूक्रेन में सभी शत्रुताएं तत्काल खत्म करने का आह्वान करता रहा है. हमारे प्रधानमंत्री ने तत्काल संघर्षविराम का बार-बार आह्वान किया है और बातचीत व कूटनीति के सिवा और कोई अन्य मार्ग नहीं है.