श्रीलंका संकट पर सर्वदलीय बैठक आज, एस जयशंकर और निर्मला सीमतारमण विपक्ष को देंगे जानकारी

नई दिल्ली: श्रीलंका में मौजूदा संकट पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज सर्वदलीय बैठक होनी है. इस बैठक में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता शामिल होंगे. विदेश मंत्री और वित्त मंत्री उन्हें श्रीलंका संकट के बारे में जानकारी देंगे. आपको बता दें कि गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में मचे उथल-पुथल को लेकर भारत भी चिंतित है. तमिलनाडु के राजनीतिक दलों द्वारा हस्तक्षेप की मांग के बाद केंद्र सरकार ने सर्वदलीय मीटिंग बुलाने का निर्णय लिया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, संसद के मानसून सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में, द्रमुक और अन्नाद्रमुक ने मांग की थी कि भारत अपने पड़ोसी देश को संकट से बाहर निकालने में हस्तक्षेप करे, जो 7 दशकों में सबसे खराब आर्थिक आपातकाल का सामना कर रहा है. इस बैठक में एआईएडीएमके के एम. थंबीदुरई और डीएमके के टीआर बालू ने श्रीलंका में तमिल आबादी को लेकर चिंता जताई थी. इस द्वीपीय देश में जनता सड़कों पर उतर आई है. पूरे देश में आपातकाल लागू कर दिया गया है.
श्रीलंका की स्थिति पर भारत लगातार नजर बनाए हुइ है. विभिन्न चैनलों के माध्यम से सहायता भेजने के अलावा, भारत ने अब तक पड़ोसी देश के मामले में सीधा हस्तक्षेप करने से खुद को दूर रखा है. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ‘भारत, श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा है. क्योंकि वे लोकतांत्रिक साधनों और मूल्यों, स्थापित संस्थानों और संवैधानिक ढांचे के माध्यम से समृद्धि और प्रगति के लिए अपनी आकांक्षाओं को साकार करना चाहते हैं. भारत श्रीलंका का सबसे करीबी पड़ोसी है. और दोनों देश गहरे सभ्यतागत बंधन साझा करते हैं.’

श्रीलंका में सरकार विरोधी आंदोलन 100 दिन पूरे कर चुका है. राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे, प्रधानमंत्री रानिल विक्रमासिंघे समेत पूरे मंत्रिमंडल का इस्तीफा हो चुका है. श्रीलंका में कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में रानिल विक्रमसिंघे ने शपथ ली है. दरअसल, गोटबाया राजपक्षे पिछले सप्ताह प्रदर्शनकारियों द्वारा कब्जा करने से कुछ देर पहले अपने महल से भाग गए थे. प्रदर्शनकारियों ने श्रीलंका के राष्ट्रपति भवन पर कब्जा करके वहीं डेरा डाल दिया है. उन्होंने रानिल विक्रमासिंघे के कोलंबो स्थित निजी आवास को भी आग के हवाले कर दिया था.