भोपाल में मेगा इवेंट की मेगा तैयारी, पीएम नरेंद्र मोदी शामिल होंगे, 13 करोड़ होंगे खर्च, 5 राज्यों के 300 लोग लगे काम में

भोपाल के जंबूरी मैदान में 15 नवंबर को जनजातीय सम्मेलन होने जा रहा है। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। वे मंच पर 1 घंटा 15 मिनट तक मौजूद रहेंगे। वहीं, प्रदेशभर से करीब 2 लाख आदिवासी भी सम्मेलन का हिस्सा होंगे। राजधानी में डेढ़ साल में पहला मेगा इवेंट है, इसलिए तैयारियां भी मेगा तरीके से हो रही हैं। 5 डोम बनाए जा रहे हैं। आदिवासियों के बैठने के लिए बड़े पंडाल भी बन चुके हैं। इनमें परदे लगाए जा रहे हैं। करीब 300 मजदूर इस काम में लगे हैं। मध्यप्रदेश, बिहार, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ व गुजरात के मजदूरों पर डोम-पंडाल बनाने का जिम्मा है। एक सप्ताह पहले से जंबूरी मैदान में काम शुरू कर दिया गया था। इसके अलावा, पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम शिवराजसिंह चौहान के कटआउट भी बनाए जा रहे हैं, जो पूरे पंडाल में लगेंगे।

बड़ी एलईडी स्क्रीन लगेगी, ताकि पीछे तक नजर आ सके

मुख्य मंच पर पीएम मोदी के अलावा सीएम शिवराज व चुनिंदा नेता ही शामिल होंगे। पीएम के भाषण को अंतिम छोर में बैठे लोग भी सुन और देख सकें, इसके लिए बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई जाएगी। कार्यक्रम स्थल पर 100 से अधिक स्क्रीन लगाई जाएंगी।

2 दिन पहले बनकर तैयार करने का टारगेट

डोम और पंडाल 2 दिन पहले यानी 13 नवंबर तक बनाने का टारगेट रखा गया है। नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने तैयारियों को जल्दी पूरा करने को कहा है। सीएम शिवराज सिंह चौहान खुद माॅनिटरिंग कर रहे हैं।

कोरोना के बाद पहला बड़ा इवेंट

कोरोना संक्रमण के चलते पिछले डेढ़ साल से कोई बड़ा इवेंट राजधानी में नहीं हुआ है। यह पहला इवेंट है, जिसमें पीएम मोदी शामिल हो रहे हैं। इसके चलते सरकार और प्रशासन दोनों के ही जिम्मेदार तैयारी कर रहे हैं।

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

सम्मेलन स्थल की अभी से कड़ी सुरक्षा की जा रही है। मुख्य डोम के पास पुलिसकर्मी तैनात है। बेवजह लोगों को अंदर नहीं आने दिया जा रहा है।

13 करोड़ रुपए में होगा कार्यक्रम

आयोजन को लेकर कुल 16 करोड़ रुपए आवंटित हुए हैं। इनमें से 13 करोड़ रुपए सिर्फ जंबूरी मैदान पर होने वाले कार्यक्रम में ही खर्च होंगे। इसके अलावा, बड़वानी को 77 लाख, खरगोन को 72 लाख, सीहोर के 71 लाख, धार को 62 लाख और होशंगाबाद को 61 लाख रुपए दिए गए हैं। यह रुपए इन जिलों से आदिवासियों को लाने ले जाने और ठहरने में खर्च किए जाएंगे। भोपाल जिले को सबसे ज्यादा 1 करोड़ 16 लाख रुपए दिए गए हैं।