अस्पतालों को आयुष्मान योजना से कोई मतलब नहीं, इतनी शिकायतें दिखा रहीं सरकार को आइना

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के 10 दिन बाद भी कोरोना संक्रमित मरीजों को आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. आयुष्मान योजना का लाभ न देने की 250 शिकायतें प्रशासन को मिल चुकी हैं. यह स्थिति तब है जब सरकार ने अस्पतालों को स्पष्ट कहा है कि बेड खाली होने पर वे इलाज करने से मना नही कर सकते.

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमित मरीजों को आयुष्मान योजना का लाभ देने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 26 अप्रैल को घोषणा की थी. भोपाल जिले में 161 गैर सरकारी और 11 सरकारी अस्पताल आयुष्मान कार्ड से इलाज कराने के लिए सरकार की तरफ से अधिकृत है. बावजूद इसके 68 निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को अब तक आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल रहा है.

यहां कर सकते हैं शिकायत

आयुष्मान योजना का लाभ दिलाने के लिए सरकार द्वारा आयुष्मान मित्र की भी नियुक्ति की गई है. भोपाल जिले में 18 आयुष्मान मित्र हैं, जो मरीज के परिजनों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिलाने में मदद करते हैं. बता दें, कोरोना संक्रमित मरीजों को अगर आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल रहा हो तो 181नंबर पर कॉल करके शिकायत की जा सकती है. इसके अलावा 1075 और आयुष्मान भारत हेल्पलाइन 14555 पर भी कॉल कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं. आयुष्मान कार्ड के बढ़ते विवादों को लेकर 18002332085 टोल फ्री नंबर भी परिजनों के लिए जारी किया गया है.

घोषणा के बाद जारी हुई थी निजी अस्पतालों की सूची

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 26 अप्रैल को आयुष्मान योजना की घोषणा की थी. घोषणा के बाद 5 मई को 68 निजी अस्पतालों की सूची जारी की गई थी. निजी अस्पतालों की अधिकृत सूची जारी होने के बाद भी अस्पतालों ने कार्ड से इलाज के बाद नगद राशि मांगना जारी रखा. निजी अस्पतालों का कहना है पुरानी तारीख से योजना का लाभ देते हैं, तो फिर वो मरीज भी लाभ लेने के आगे आएंगे जो डिस्चार्ज हो गए हैं.

सिंधिया के कहने पर 2 लाख किए थे कम

हाल ही में एक मरीज को आयुष्मान योजना का लाभ न देने का वीडियो वायरल हुआ था. वीडियो में अस्पताल का मैनेजर मरीज से अभद्रता करते हुए नज़र आया. इसके बाद सांसद सिंधिया के हस्तक्षेप के बाद मरीज के परिजन को चिरायु अस्पताल प्रबंधन ने दो लाख की राशि वापस की थी.