13 दिन में चार बार जांच कराई, दो बार रिपाेर्ट निगेटिव और दो बार पाॅजिटिव

कोरोना वायरस संक्रमण का रहस्य मरीजों के साथ ही डाॅक्टरों को भी उलझन में डाल रहा है। अब तक कई मामले ऐसे सामने आए हैं जिनमें लोग संक्रमण के लक्षण उभरने पर जांच कराने पहुंचे, लेकिन उनकी टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई।

हालत बिगड़ने पर डाॅक्टर ने जब सीटी स्कैन कराया तो संक्रमण की पुष्टि हुई, लेकिन टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने के कारण ऐसे मरीजों को कोविड हाॅस्पिटल में भर्ती नहीं किया गया। एक मामला ऐसा भी सामने आया जिसमें मरीज ने 13 दिन में चार बार टेस्ट कराया। दो बार रिपोर्ट निगेटिव तो दो बार पाॅजिटिव आई।

अब मरीज असमंजस की स्थिति में हैं, कि आखिर वह पाॅजिटिव है या निगेटिव। कई मामले ऐसे भी सामने आ रहे हैं, जिसमें कोरोना संक्रमण को हराने के बाद भी मरीज का ऑक्सीजन लेवल सामान्य स्तर पर नहीं आ पा रहा है। अस्पताल से डिस्चार्ज होने के दो माह बाद भी हालत बिगड़ने पर ऑक्सीजन देनी पड़ती है।

केस-1. नौकरी ज्वाॅइन करने के लिए कराया था चार बार टेस्ट

थाटीपुर निवासी 28 वर्षीय युवक (इलेक्ट्रिकल इंजीनियर) ने कंपनी में ज्वाइनिंग देने से पहले 20 दिसंबर को जांच कराई तो रिपोर्ट पाॅजिटिव आई। 28 को फिर से सैंपल दिए तो 29 को रिपोर्ट निगेटिव आई। कंपनी के कहने पर युवक ने फिर से 31 को जांच कराई तो रिपोर्ट पाॅजिटिव आई। युवक को 3 जनवरी को ज्वाइनिंग देनी थी इसलिए 1 जनवरी को फिर से टेस्ट दिया तो रििपोर्ट निगेटिव आ गई।

केस-2. डिस्चार्ज होने के बाद भी ऑक्सीजन लेवल कम

मुरार निवासी 65 वर्षीय मरीज संक्रमण के कारण 40 दिन अस्पताल में भर्ती रहे। अभी भी उनका ऑक्सीजन लेवल निर्धारित मानक (95) से कम है। उनके बेटे ने बताया कि कई बार सांस लेने में तकलीफ होने के कारण घर पर ही ऑक्सीजन लगानी पड़ती है।

केस-3. टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई फिर भी आईसीयू में भर्ती

गोविंदपुरी निवासी 56 वर्षीय व्यक्ति ने लक्षण उभरे तो कोविड टेस्ट कराया। रिपोर्ट निगेटिव आई, लेकिन स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर डाॅक्टर ने सीटी स्कैन कराया। जिसमें कोरोना संक्रमण के चलते फेफड़ों में इंफेक्शन निकला। अभी वह आईसीयू में भर्ती हैं।

सैंपल कलेक्शन में लापरवाही से रिपोर्ट में आता है अंतर

यदि किसी व्यक्ति की पहली रिपोेर्ट निगेटिव और दो दिन बाद दूसरी रिपोर्ट पाॅजिटिव आती है, तो ऐसी स्थिति में यह देखना होगा कि सैंपल कलेक्शन सही तरीके से किया जा रहा है या नही? कई बार सैंपल लेने में लापरवाही बरतने पर ऐसा हो सकता है। सैंपल लेने में लापरवाही के कारण ही संक्रमण के लक्षण होने के बाद भी रिपोर्ट निगेटिव आ सकती है।

डॉक्टर के वृद्ध माता-पिता, रेलवे का टेक्नीशियन निकले संक्रमित

जिले में बुधवार को 32 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले। विनय नगर में रहने वाले डॉक्टर के वृद्ध माता-पिता को कोरोना होने की पुष्टि हुई है। जबकि दादी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। दुर्गापुरी निवासी रेलवे के टेक्नीशियन में कोरोना की पुष्टि हुई है। ग्वालियर थाने पकड़ा गया गया 22 साल का आरोपी, डीडी नगर निवासी गर्भवती महिला और हरीशंकरपुरम निवासी में रहने वाला वृद्ध भी संक्रमित निकला है। वहीं गोविंदपुरी निवासी वृद्धा का संक्रमण की पुष्टि हुई है। बीमा कंपनी का कैशियर और डीडी नगर में एक ही परिवार के तीन लोग भी संक्रमित निकले हैं।

सॉफ्टवेयर इंजीनियर और उसके पिता की दूसरी रिपोर्ट निगेटिव

विनय नगर सेक्टर-4 के अपार्टमेंट में रहने वाले 35 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर को 27 दिसंबर को कोरोना होने की पुष्टि हुई थी और उसे जिले अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सॉफ्टवेयर इंजीनियर और उनके पिता की दूसरी रिपोर्ट बुधवार को निगेटिव आई है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर का सैंपल जांच के लिए 28 दिसंबर को सैंपल नेशनल कम्युनिकल डिसीज सेंटर (एनसीडीसी) दिल्ली भेजा गया था। दिल्ली से अभी तक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के सैंपल की रिपोर्ट नहीं आई है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर और उसके पिता को अभी तक कोरोना के कोई लक्षण नहीं हैं।