कालेधन पर पक्ष और विपक्ष की एक आवाज, मंत्रियों के आने से गर्दिश में शिवराज सरकार, दिग्विजय ने मिलाये सुर और सिंधिया बैकफुट पर

भोपाल. पिछले चार-पांच दिनों में ईसी की सूचना 3 आईपीएस अधिकारियों पर लोकसभा चुनाव 2020 कार्यवाही करने के मामले में मप्र की राजनीति गर्मा गयी है इसमें कई नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। जिन विधायकों के नाम केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की रिपोर्ट मेंआये हैं वह कांग्रेस के हों या भाजपाके सभी के स्वर एक समान ही हैं। उनका कहना है कि हमें बदनाम करने की साजिश हुई हैं, सत्तादल और विपक्ष दोनों के नेताओं का नाम होने से सरकार कार्यवाही परद फैसला नहीं ले पा रही है। पहले एक्शन को बीजेपी नगरीय निकाय चुनाव में मुद्दा बनाने जा रही थी उससे पहले ही कांग्रेस ने पुरानी रिपोर्ट उछालकर मामला फिफ्टी-50 बनाने का प्रयास तेज कर दिया हैं।

भाजपा-कांग्रेस के संदेही नेताओं ने ही आरोप बचने के लिये एक आवाज में कहा है कि यदि हमने चुनाव में पैसा लिया है ता जांच एजेंसियों ने अभी तक नोटिस क्यों नहीं? पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह का बयान भी कुछ इसी लाइन पर आया था। इसको लेकर सरकार भी सांसत में हैं। दरअसल, इस मामले में शिवराज सरकार के 2 मंत्री और 11 विधायक भी फंस रहे हैं जो कांग्रेस से भाजपा में आये हैं।

सीबीडीटी की रिपोर्ट में 64 विधायकों के नाम

सीबीडीटी की रिपोर्ट में तत्कालीन कमलनाथ सरकार के मंत्री समेत 64 विधायकों के नाम हैं। इनमें से 13 विधायक रिपोर्ट आने से पूर्व भाजपा का दामन थाम चुके हैं। पार्टी बदलने के बाद भी उनकी आवाज रिपोर्ट पर कांग्रेस जैसे ही हैं। इस मामले में सीएम शिवराजसिंह चौहान, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा का भी बयान आ चुका है। लेकिन पार्टी के सीनियर नेता एवं राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतिक्रिया नहीं आई है जबकि भाजपा के 13 में से 8 विधायक (इनमें से दो प्रद्युम्नसिंह तोमर और राज्यवर्द्धन सिंह दत्तीगांव मंत्री हैं) सिंधिया समर्थक हैं।

क्या भाजपा में आने बाद पवित्र हो गये

कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने इसको लेकर आगे की जांच की निष्पक्षता को लेकर भाजपा से सवाल किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है-कमलनाथ बदनाम करने की षडयंत्र लोकसभा चुनाव के पूर्व रची गयी थी। सीबीडीटी की कपोल-कल्पित रिपोर्ट में शिवराज सरकार में सिंधिया समर्थक 2 मंत्रियों और कई एमएलए के भी नाम सामने आये हैं। क्या उन पर भी एफआईआर होगी, भाजपा में आने के बाद पवित्र हो गये हैं।

सीएम और सीएस के बीच हुई चर्चा

मंत्रालय के सूत्रों ने दावा किया है कि सीबीडीटी की रिपोर्ट पर सीएम शिवराजसिंह चौहान की चीफ सेक्रेट्री इकबाल सिंह बैंस तथा पीएस मनीष रस्तोगी के साथ बैठक हो चुकी है। इससमें तय किया गया है कि विधि विभाग की सलाह लेने के बाद रिपोर्ट ईओडब्ल्यू को सौंपने का निर्णय लिया जायेगा।