हायर सेकंडरी और हाईस्कूल की नियमित कक्षाओं के पहले दिन 15% छात्र भी नहीं पहुंचे स्कूल

स्कूल शिक्षा विभाग ने हायर सेकंडरी और हाईस्कूल की नियमित कक्षाएं शुक्रवार से भले ही शुरू करा दी हों, लेकिन कोरोना के खौफ में विद्यार्थियों के अभिभावक बच्चों को किसी खतरे में नहीं डालना चाहते हैं। इसका असर स्कूलों की उपस्थिति पर दिखाई दिया।

शहर के प्रमुख स्कूलों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति 15 प्रतिशत तक भी नहीं पहुंच पाई। शहर के पद्मा विद्यालय में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए गाइड लाइन के अनुसार सबसे अच्छी व्यवस्था की गई थी। गोरखी हायर सेकंडरी स्कूल में छात्रों के हाथ सेनिटाइज कराए जा रहे थे, लेकिन यहां पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था नहीं थी। वहीं, गजराराजा और जीवाजी राव स्कूल में न तो थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही थी और न ही स्कूल के गेट पर छात्र-छात्राओं के हाथ सेनिटाइज करने की व्यवस्था की गई थी।

जिला शिक्षा अधिकारी विकास जोशी का कहना है कि पहले दिन छात्रों की संख्या कम रही है। अभिभावकों को पीटीएम के माध्यम से बच्चों को स्कूल पहुंचाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। छात्रों की संख्या को लेकर मॉनीटरिंग की जा रही है।

पद्मा विद्यालय: पद्मा विद्यालय को शहर का सबसे बड़ा स्कूल माना जाता है। यहां पर हायर सेकंडरी और हाई स्कूल की 916 छात्राएं हैं, लेकिन शुक्रवार को नियमित कक्षाएं शुरू होने पर इन कक्षाओं की सिर्फ 90 छात्राएं ही स्कूल में पहुंची। कुछ छात्राओं को अभिभावक का अनुमति पत्र न लाने पर घर भेज दिया गया। हालांकि स्कूल में थर्मल स्क्रीनिंग, सेनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग की पूरी व्यवस्था की गई थी।

गजराराजा स्कूल : गजराराजा गर्ल्स हायर सेकंडरी स्कूल में गेट पर छात्राओं के हाथ सेनिटाइज कराने तथा थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था नहीं की गई थी। हालांकि कक्षाओं को सेनिटाइज करवाया जा रहा था। दोपहर 12.30 बजे तक यहां पर एक कक्षा हाईस्कूल की शुरू हो पाई थी। इसमें यहां मौजूद 7 छात्राओं को शिक्षिका अलका सर्वटे पढ़ा रही थीं। इस कक्षा में छात्राओं की संख्या 52 है। लेकिन ज्यादातर छात्राएं अनुपस्थित थीं।

गोरखी हायर सेकंडरी स्कूल: यहां पर दोपहर 12.15 बजे तक छात्रों को व्यवस्थित कक्षाओं में नहीं बैठाया गया था। शिक्षक-शिक्षिकाएं, छात्रों को धूप में बैठाकर मार्गदर्शन कर रहे थे। हालांकि स्कूल के गेट पर ही छात्रों के हाथ सेनिटाइज करने की व्यवस्था की गई थी। लेकिन थर्मल स्केनिंग कर छात्र का टेंप्रेचर लेने की व्यवस्था नहीं थी। छात्र राहुल का कहना है कि वह मार्गदर्शन लेने के लिए पहले भी स्कूल में आते रहे हैं।

जीवाजीराव हायर सेकंडरी स्कूल: जीवाजीराव हायर सेकंडरी स्कूल में छात्राओं की संख्या काफी कम रही। स्कूल में हायर सेकंडरी और हाईस्कूल के 271 छात्र दर्ज हैं। इनमें से महज 3 छात्र ही कक्षा में आए थे। हाईस्कूल के इन छात्रों को दोपहर 1 बजे शिक्षिका प्रतिभा द्विवेदी विज्ञान पढ़ा रही थीं। स्कूल के गेट पर थर्मल स्केनिंग और छात्रों के हाथ सेनिटाइज कराने की व्यवस्था भी नहीं की गई थी।