अंडरपास के लिए रेलवे ने मांगे 7.49 करोड़ काम शुरू होने से पहले प्रोजेक्ट पर विवाद

सिटी सेंटर क्षेत्र की 50 हजार से अधिक आबादी और रोजाना करीब 2 हजार वाहनों को राहत देने के लिए प्रस्तावित एजी ऑफिस-महलगांव पुलिया का अंडरपास काम शुरू होने से पहले ही विवादों में आ गया है। इस प्रोजेक्ट का अनुमानित खर्च पहले डेढ़ करोड़ रुपए से शुरू हुआ फिर प्लान रिवाइज हुआ और 4 करोड़ 50 लाख रुपए का खर्च अनुमानित किया गया। अब फिर इसे रिवाइज कर 7 करोड़ 49 लाख रुपए का खर्च होने का अनुमान रेलवे द्वारा बताया गया है। उपचुनाव से पहले इस अंडरपास के लिए काम शुरू किए जाने का दावा सरकार द्वारा किया जा रहा था लेकिन अब प्रोजेक्ट पर कोई प्रक्रिया ही नहीं चल रही।
इस संबंध में पीडब्ल्यूडी सेतु संभाग के कार्यपालन यंत्री मोहर सिंह जादौन ने कहा कि रेलवे ने अंडरपास के लिए पहले डेढ़ और फिर साढ़े 4 करोड़ रुपए मांगे थे। 4 करोड़ 50 लाख रुपए शासन से स्वीकृत होने की सूचना भी आई थी लेकिन अब इसकी जगह 7 करोड़ 49 लाख रुपए मांगे हैं। इस मामले में फिलहाल शासन से कोई आदेश नहीं आया है।
3 मीटर चौड़ी पुलिया तोड़कर बनना है 6 मीटर चौड़ा अंडरपास... निकल सकेंगी बड़ी गाड़ियां
एजी ऑफिस के पीछे स्थित पुलिया को तोड़कर यहां 6 मीटर चौड़ा और 5 मीटर ऊंचा अंडर पास बनाया जाएगा। जिसमें से बड़ी गाड़ियांं भी आसानी से निकल सकेंगी। साथ ही अंडरपास में सम्पबैल लगाए जाएंगे, ताकि बारिश या दूसरे किसी पानी का वहां भराव न हो सके। क्योंकि, जलालपुर अंडरपास में अभी पानी भरने की बड़ी दिक्कत आती है और पानी खाली नहीं हो पाता। जिस वजह से कई वाहन चालक इस अंडरपास का उपयोग ही नहीं कर पाते।
हरिशंकरपुरम, माधव नगर रोड और महलगांव, सिटी सेंटर क्षेत्र को जोड़ने वाली ये पुलिया अभी 3 मीटर चौड़ी है और यहां से सिर्फ बाइक व ऑटो निकल पाते हैं। बड़ी कारें इस पुलिया से नहीं निकल पाती, उनके चालकों को सिटी सेंटर या महलगांव और माधव नगर रोड पर पहुंचने के लिए एजी ऑफिस पुल होते हुए 2 से 3 किलोमीटर तक का ज्यादा चक्कर लगाना पड़ता है लेकिन ये अंडरपास बनने पर समस्या खत्म हो जाएगी।
इस पुलिया को चौड़ा करने या अंडरपास बनाए जाने का प्रस्ताव करीब 3 महीने पहले सरकार के पास गया था। रेलवे ने प्रारंभिक प्रस्ताव में इस काम पर सिर्फ डेढ़ करोड़ रुपए खर्च बताया था लेकिन बाद में जब इसकी डीपीआर तैयार हुई तो ये खर्च 4 करोड़ 50 लाख रुपए बताया गया। जिसे रेलवे की स्वीकृति के बाद मंजूर कर लिया गया, लेकिन अब फिर रेलवे ने नया प्रस्ताव भेजा है और अंडरपास निर्माण के लिए 7 करोड़ 49 लाख रुपए की लागत आने की बात सरकार से कही है। इसके बाद शासन स्तर पर इसकी प्रक्रिया पूरी तरह रूक गई है।