आज एसबीआई सहित सभी बैंक खुलेंगे इसके बाद तीन दिन तक रहेंगे बंद

ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल को गुरुवार को शहर में मिलाजुला असर रहा। बैंक यूनियन एआईबीईए, एआईबीओए और बैफी के प्रभाव वाले पीएनबी, यूको, बड़ौदा, यूनियन, सेंट्रल, कैनरा, इंडियन, पंजाब एंड सिंध बैंक की 120 शाखाएं बंद रहीं। इनमें काम करने वाले करीब 1620 कर्मचारी नो वर्क नो पे के आधार पर हड़ताल में शामिल हुए।
फलस्वरूप इन बैंकों के ग्राहकों के रकम की जमा-निकासी, चेक ट्रांजेक्शन, आरटीजीएस, नेफ्ट, लॉकर खोलने, चालान बनवाने, गृह और शिक्षा ऋण के काम नहीं हुए। एसबीआई और प्राइवेट बैंक खुले रहे। शुक्रवार को बैंक खुलेंगे इसके बाद (शनिवार, रविवार और सोमवार को गुरुनानक जयंती) तीन दिन तक बंद रहेंगे।
इस समय कोरोना महामारी का दौर है। फलस्वरूप कोरोना गाइडलाइन के पालन में बैंक कर्मचारियों ने हड़ताल में होने वाले प्रदर्शन से दूरी बनाकर रखी। पंजाब नेशनल बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन मध्यप्रदेश के महासचिव अजय देवले ने बताया कि बैंक यूनियन एआईबीईए, एआईबीओए और बैफी के पदाधिकारियों ने प्रदर्शन न करते हुए बैंक शाखाओं का भ्रमण किया।
एलआईसी ऑफिस खुले लेकिन काम नहीं हुआ
एलआईसी के मंडल कार्यालय के साथ सभी ब्रांच ऑफिस तो खुले लेकिन कर्मचारियों की हड़ताल के कारण नई पॉलिसी लेने, पॉलिसी की किश्त जमा करने, पॉलिसी का भुगतान करने जैसे अन्य काम नहीं हो सके। कर्मचारियों ने मंडल कार्यालय पर धरना देकर प्रदर्शन किया। ग्वालियर डिवीजन इंश्योरेंस एम्पलॉयज एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी बृजेश सिंह ने बताया, मंडल कार्यालय व शाखाओं के 287 में से 230 कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए।
विद्युत पेंशनर्स ने ज्ञापन दिया: विद्युत पेंशनर्स ने बिजली के निजीकरण सहित एवं अन्य मांगों को लेकर सीएम के नाम ज्ञापन कलेक्टोरेट में सौंपा। इस मौके पर जेपी नामदेव, मदन गुप्ता, एनआर अतरौलिया, केके शर्मा आदि मौजूद थे।
संयुक्त ट्रेड यूनियन ने फूलबाग पर दिया धरना
सीटू, इंटक, एटक, एसआई, यूटीसीयू यूनियनों के पदाधिकारियों ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होकर फूलबाग पर धरना दिया। संयुक्त मोर्चा इंटक के नेता धनीराम खोइया ने बताया कि सभी यूनियनों ने एकमत के साथ केंद्र सरकार के मजदूर विरोधी कानूनों विरोध किया। उधर, रेलवे के संगठन एनसीआरएमयू के सहायक महामंत्री वीएस कंसाना ने बताया कि हमारे संगठन का हड़ताल को नैतिक समर्थन था। इसलिए रेलवे के कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ा।
बिजली कर्मचारियों ने बांधी काली पट्टी
मप्र यूनाइटेड फोरम फॉर पावर इम्प्लाईज एंड इंजीनियर्स के रीजनल संगठन सचिव विद्याकान्त मिश्रा ने बताया कि कोविड के बीच सरकारें बिजली वितरण का निजीकरण करने पर आमादा हैं, इसके विरोध में कर्मियों ने प्रदर्शन कर आक्रोश व्यक्त किया। इंजीनियर्स एवं कर्मचारियों ने काली पट्टी बांध विरोध जताया।