जेएएच परिसर में कचरा जलाने से वायु प्रदूषण का स्तर चार गुना तक पहुंचा

जेएएच परिसर की हवा में प्रदूषण का जहर घुल रहा है। इसका खुलासा तब हुआ जब स्थानीय लोगों द्वारा अस्पताल परिसर में कचरा जलाने की शिकायत पर मप्र प्रदूषण बोर्ड ने माॅनिटरिंग कराई।
माॅनिटरिंग के बाद परिणाम चौकाने वाले निकले। पीएम-10 (धूल के कण) का स्तर निर्धारित मानक (100 माईक्रोग्राम प्रतिघन मीटर) से चार गुना मिला। इस मामले में क्षेत्रीय अधिकारी एनपी सिंह ने जीआरएमसी के डीन को नोटिस जारी किया, इसमें कचरे का निष्पादन नियमानुसार करने के निर्देश दिए हैं। यहां बता दें कि जेएएच परिसर स्थित सुपर स्पेशिलिटी हाॅस्पिटल में ही कोविड मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
अस्पताल परिसर स्थित सेंट्रल लाउंड्री के पास, खाली मैदान को अस्पताल की साफ-सफाई का जिम्मा संभाल रही कंपनी यूडीएस ने अस्थायी कचरा घऱ बना दिया है। यहां कचरे में कई बार बायोमेडिकल वेस्ट भी मिला रहता है, इस कारण कचरा जलाने से निकलने वाला धुआं और भी ज्यादा हानि पहुंचाता है।
केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड भी जीआरएमसी पर लगा चुका है 22 लाख रुपए का जुर्माना अस्पताल परिसर में कचरा जलाने के मामले में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी जून 2019 में जीआरएमसी पर 22 लाख रुपए का जुर्माना लगा चुका है। जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर इसमें बढो़तरी हो रही है। प्रदेश के किसी भी मेडिकल काॅलेज पर इतना बड़ी राशि का जुर्माना नहीं लगाया गया।
कुछ दिनों बाद फिर से सैंपलिंग कराएंगे
कुछ दिन पूर्व कार्यालय को अस्पताल परिसर में लगातार कचरा जलने की शिकायत प्राप्त हुईं थीं। इससे गीता काॅलोनी स्थित घरों में धुआं जा रहा था। इसके बाद लगातार 24 घंटे माॅनिटरिंग कराई, इसमें शिकायत सही पाई गई। काॅलेज प्रबंधन को नोटिस जारी किया है। कुछ दिनों बाद फिर से सैंपलिंग कराएंगे।
-एनपी सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, मप्र प्रदूषण बोर्ड