त्योहार पर मिठाइयों के कारण दूध की खपत में इजाफा, लॉकडाउन के बाद पहली बार बढ़ी मांग

काेराेना संक्रमण की शुरुआत से हुए लॉकडाउन के कारण कम हुई दूध की खपत अब बढ़ना शुरू हो गई है। पहले नवरात्र फिर दशहरा और उसके बाद आई दीपावली की वजह से दूध की खपत में लगातार वृद्धि हुई। यह सिलसिला अभी भी जारी है। खुले बाजार में आने वाला दूध हो या ग्वालियर दुग्ध संघ व अन्य प्राइवेट कंपनियों के दूध की बात, सभी में कुछ न कुछ वृद्धि दर्ज की गई है। यह दूध कारोबारियों के लिए राहत की बात है।

क्योंकि जब से लॉकडाउन लगा था, तभी से शहर में दूध की खपत में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही थी। होस्टल, रेस्टॉरेंट, होटलों के न खुलने से हालात और भी खराब हो रहे थे। लेकिन त्योहार की वजह से मावा, मिठाई, और दूध के विभिन्न प्रोडक्ट की मांग बढ़ी ओर इसके कारण ही दूध की खपत बढ़ती नजर आ रही है।

त्योहार की वजह से इतनी वृद्धि हुई है दर्ज

ग्वालियर दुग्ध संघ के ब्रांड सांची का दूध 18 हजार लीटर से बढ़कर 22 हजार लीटर प्रतिदिन की बिक्री तक पहुंच गया है। इसी तरह अमूल ब्रांड का दूध भी 20 हजार लीटर से बढ़कर 25 हजार लीटर प्रतिदिन तक पहुंच गया है। वहीं खुले बाजार के दूध की खपत भी 3 लाख लीटर से बढ़कर 3 लाख 40 हजार लीटर प्रतिदिन तक पहुंच गई है।

दूध डेयरी व्यवसायी संघ के राष्ट्रीय महासचिव नरेंद्र मांडिल्य बताते हैं कि हॉस्टल, होटल और कॉलेज कैंटीन के न चलने से दूध की खपत में वृद्धि नहीं हो पा रही थी। लेकिन नवदुर्गा, दशहरा और अब दीपावली के कारण मिठाइयों की बिक्री की वजह से भी दूध की खपत में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं ग्वालियर दुग्ध संघ के सीईओ एसएस अली का कहना है कि नवरात्र जैसे ही शुरू हुई दूध की खपत में बढ़ोत्तरी होना शुरू हो गई थी। दीपावली से दूध की खपत तेजी से बढ़ी है।

लॉकडाउन से इस तरह कम हुई दूध की खपत

लॉक डाउन लगने से पहले शहर में खुले दूध की कुल सप्लाई 4 लाख लीटर प्रतिदिन की थी। ब्रांडेड कंपनियों के दूध की सप्लाई 50 हजार लीटर प्रतिदिन की थी। लेकिन लॉकडाउन लगने के बाद जब ज्यादातर बाजार बंद हो गए तो दूध की यह सप्लाई कम होती गई जो घटकर ओपन मार्केट के दूध की सप्लाई 3 लाख लीटर प्रतिदिन और ब्रांडेड कंपनियों के दूध की सप्लाई 36 हजार लीटर प्रतिदिन पर आ गई थी।