96 वर्षीय बुर्जुग महिला ने किया मतदान

ग्वालियर. जीवन के 96 बसंत देख चुकीं श्रीमती शीला भदौरिया ने वोट डालकर संदेश दिया है कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए मताधिकार उपयोग जरूरी है। वे अपने बेटों का सहारा लेकर सेवानगर के कम्युनिटी हॉल परिसर में स्थित ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र के मतदान केन्द्र क्रमांक.180 पर पहुँची और ईवीएम का बटन दबाकर अपना वोट डाला। इतनी वृद्धावस्था के बावजूद उन्होंने वोट डालकर बुजुर्गों ही नहीं युवाओं के लिए भी यह नज़ीर पेश की है कि राष्ट्र निर्माण के लिए एक. एक वोट का बहुत महत्व है।
जीवन की आखिरी दहलीज पर खड़ीं श्रीमती शीला भदौरिया के पति स्वण् प्रताप सिंह भदौरिया स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। उनके निधन के बाद श्रीमती शीला भदौरिया को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की पेंशन भी मिल रही है। श्रीमती शीला का कहना था कि बेटों ने मेरी उम्र को ध्यान में रखकर सलाह दी थी कि आप चाहें तो इस बार घर पर ही मतदान कर सकतीं हैं।भारत निर्वाचन आयोग ने 80 साल से अधिक आयु जे बुजुर्गों को डाक मतपत्र के जरिए घर पर ही मतदान करने की सुविधा मुहैया कराई है। पर मैं इसके लिए तैयार नहीं हुई। मैंने अपने बेटों से कहा कि मैं बूढ़ी हो गईं हूँ तो क्या हुआ मैं देश की खातिर पोलिंग बूथ जाकर वोट डालूँगी। मेरी जायज जिद को बेटों ने सिर माथे लिया और आज मुझे मतदान कराने के लिए लेकर आए हैं।
जिन्होंने अभी तक अपने मताधिकार का उपयोग नहीं किया उनसे आग्रह है वे अभी भी अपने मताधिकार का उपयोग जरूर करें। अब देर किस बात की जल्दी कीजिए मतदान के लिए डेढ़ घण्टे से भी कम समय बचा है। प्लीज़ जल्दी कीजिये लोकतंत्र आपके वोट की बाट जोह रहा है।