ट्रैफिक-पर्यटन के लिए 20 साल में कई योजनाएं, हकीकत- अब तक एप्रोच रोड तक नहीं बनी

स्वर्ण रेखा नदी...शहर के गिरवाई स्थित हनुमान बांध से लश्कर से उपनगर ग्वालियर के विभिन्न क्षेत्रों में होते हुए जलालपुर तक बहने वाली इस नदी को विकसित करने के लिए पिछले 20 साल में ढेर सारे प्लान बन चुके हैं। साफ पानी बहाने, नाव चलाने समेत दूसरे कामों पर करोड़ों रुपए खर्च भी हुए। लेकिन, इसकी हालत नहीं सुधर पाई।

अब भी इस 13 किलोमीटर लंबी नदी में गंदा पानी, सीवर, कचरा जमा हुआ है। ताजा प्लानिंग के अनुसार इस पूरे नदी क्षेत्र पर एलिवेटेड रोड की तैयारी चल रही है। मगर, ये भी फिलहाल कागजों तक ही सीमित है। भाजपा इस एलिवेटेड रोड का संकल्प लोगों में दोहरा रही है, वहीं कांग्रेस का दावा है कि सत्ता में आने पर स्वर्ण रेखा किनारे एप्रोच रोड और एलिवेटेड रोड के साथ नदी क्षेत्र को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जाएगा।

प्लानिंग अनगिनत, करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी बदहाल

साफ पानी: हनुमान बांध से शर्मा फार्म रोड तक बहने वाली इस नदी में साफ पानी बहाने के लिए प्लानिंग हुई। जिसके लिए दो चरणों में 46 और 38 करोड़ रुपए खर्च भी हुए। इससे सिर्फ नदी को पक्का तो करा दिया गया, लेकिन साफ पानी अब तक नहीं बह पाया।

नाव और मछलीघर: पर्यटन की दृष्टि से फूलबाग बारादरी से लक्ष्मीबाई समाधि स्थल तक के बीच नाव चलाई गई और मछली घर भी बनाया गया। करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद शुरू हुए ये दोनों ही प्रोजेक्ट बंद हो गए और यहां खर्च हुई राशि बर्बाद हो गई।

साेलर पैनल: स्मार्ट सिटी ने पिछले साल करीब 13 किलोमीटर लंबी इस नदी पर सोलर पैनल लगाकर बिजली बनाने की प्लानिंग की थी। अब इस पर स्मार्ट सिटी या जनप्रतिनिधि द्वारा कोई चर्चा ही नहीं की जाती।
सड़क-स्टाॅप डैम: नदी क्षेत्र के दोनों तरफ पक्की सड़क बनाए जाने और बीच में जगह-जगह स्टाॅप डैम व पिकनिक स्पॉट बनाए जाने के लिए स्मार्ट सिटी ने प्लानिंग तैयार की। इसमें करीब 120 करोड़ रुपए खर्च हाेने का अनुमान था, ये प्लानिंग भी कागजों से बाहर नहीं आ पाई।