जीवाजी विश्वविद्यालय में भर्ती मामले में सीआईडी ने ली स्क्रूटनिंग कमेटी सदस्यों की जानकारी

ग्वालियर. जीवाजी विश्वविद्यालय में भर्ती हुए 17 शिक्षकों के रिकॉर्ड लेने के लिए सीआईडी ने तीसरा पत्र लिखा है। इस बार सीआईडी ने स्क्रटनिंग कमेटी सदस्यों के नाम, पते, मोबाइल नंबर मांगे है साथ ही स्क्रटनिंग कमेटी ने विषयवार जो प्रतिवेदन जेयू को दिए थे। उम्मीदवारों की तुलनात्मक सूची सौंपी थी उसकी भी सत्यापित कॉपी मांगी है। सीआईडी के अधिकारी यशपाल सिंह चौहान ने जेयू के कुलसचिव को पत्र जारी किया है। इस पत्र में हाईकोर्ट के आदेश का उल्लेख करते हुए 3 बिंदुओं पर जानकारी मांगी है।
जीवाजी विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2011 से 2013 के बी 17 प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्तियां की थी। विधि विभाग में 5, फार्मेसी में 5, बॉटनी में 3, मेनेजमेंट में 2, पर्यावरण विज्ञान में 1, पर्यावरण रसायन में 1 नियुक्ति की गई थी। इन नियुक्तियों में योग्यता व नियमों को ध्यान नहीं रखा गया। पूर्व कार्यपरिषद सदस्य राजेन्द्र सिंह यादव ने इस पूरे मामले की शिकायत सीआईडी से की। वर्ष 2016 से यह जांच सीआईडी के पास लंबित है। हाईकोर्ट की युगल पीठ ने रिट अपील में फैसला सुनाते हुए 8 सप्ताह में जांच खत्म करने के निर्देश दिए है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीआईडी सक्रीय हुई है। जांच अधिकारी यशपालसिंह चौहान ने तीसरा पत्र जारी किया है। एक पत्र सीआईडी के मुख्यालय से कुलपति को जारी हुआ था, इन पत्रों के जारी करने से पहले 17 बार सीआईडी जेयू से रिकॉर्ड मांग चुकी है।
यह जानकारी मांगी जेयू से
आवेदन पत्रों की छानबीन व एपीआई गणना के लिए स्क्रटनिंग कमेटी का गठन किया गया था। गठन करने की प्रक्रिया की जानकारी दी जाएगी।
स्क्रटनिंग कमेटी में किन्हें सदस्य बनाया था उनके नाम, मोबाइल नंबर, घर का पता दिया जाए