गाजियाबाद के एडीएम सिटी कोरोना पॉजिटिव, पत्नी SDM भी संक्रमित

गाजियाबाद के एडीएम सिटी शैलेंद्र सिंह कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. यही नहीं उनके साथ-साथ उनकी पत्नी गुंजा सिंह, एसडीएम, जेवर और परिवार के अन्य सदस्यों में भी कोरोना वायरस के लक्षण दिखे हैं. सभी को क्वारनटीन कर दिया गया है.
- कोरोना संक्रमण केस आने के बाद सभी हुए क्वारनटीन
- एडीएम सिटी की पत्नी एसडीएम, जेवर भी हैं संक्रमित
- एसडीएम लगातार कंटेनमेंट जोन का दौरा कर रही थीं
एडीएम सिटी शैलेंद्र सिंह और पत्नी गुंजा सिंह एसडीएम, जेवर (ग्रेटर नोएडा) के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उनके बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों को क्वारनटीन कर दिया गया है. एसडीएम, जेवर लगातार कंटेनमेंट जोन का दौरा कर रही थीं और कुछ दिन से उन्हें फीवर था, जिसके बाद उनका टेस्ट कराया गया जिसमें वह कोरोना पॉजिटिव निकलीं. अब उन्हें गाजियाबाद के अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है.
एसडीएम की रिपोर्ट पॉजिटिव आने से अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. एसडीएम स्टाफ और अन्य अधिकारियों की सर्विलांस टीम कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कर रही है.
गाजियाबाद में प्रशासन के शीर्ष स्तर तक कोरोना वायरस की पहुंच होने के बाद प्रशासन से जुड़े अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद और नोएडा ऐसे शहर हैं जहां पर कोरोना वायरस तेजी से फैलता जा रहा है. इसके रोकथाम के लिए जिला प्रशासन स्तर पर तेजी से काम भी किए जा रहे हैं.
गाजियाबाद के जिला अधिकारी अजय शंकर पांडे ने कोरोना वायरस से लोगों को सचेत करने और लक्षण वाले मरीजों की पहचान करने के लिए घर-घर दस्तक योजना शुरू की है. कंटेनमेंट जोन में 100% सर्विलांस का शासनादेश है, लेकिन कंटेनमेंट जोन के बाहर सभी इलाके के लोगों को जागरूक करने और संक्रमित व्यक्तियों की पहचान करने के लिए हर घर पर दस्तक योजना जिला अधिकारी की नई पहल है.
हर घर पर दस्तक योजना
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए 2 तरह की रणनीति के तहत कार्रवाई की जा रही है, जिसमें सबसे पहले कंटेनमेंट जोन है. अगर इनमें कोरोना केस निकलते हैं, तो उस इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया जाता है.
ऐसे कंटेनमेंट जोन के लिए लगभग 470 सर्विलांस टीमें लगाई गई हैं. अब तक सर्विलांस टीम द्वारा 37,374 परिवार और 1,81,885 व्यक्तियों का सर्वेक्षण किया जा चुका है, जिसमें 21 कोरोना के लक्षण वाले लोगों की पहचान की गई है.
गाजियाबाद प्रदेश का ऐसा पहला जिला है जहां पर कंटेनमेंट जोन के बाहर भी सघन जागरूकता सर्वेक्षण अभियान शुरू किया गया था. गैर कंटेनमेंट जोन में बूथ स्तर पर ऑफिसर की ड्यूटी इस काम के लिए लगाई गई है.
घर-घर जाने के साथ-साथ बूथ लेवल ऑफिसर को मोबाइल के माध्यम से भी अपने क्षेत्र के निवासियों से संपर्क करने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही गाजियाबाद के ग्रामीण इलाकों में जिला प्रशासन ने 161 निगरानी समितियों और शहरी क्षेत्र में 286 निगरानी समितियों का गठन किया है. यही नहीं गाजियाबाद में कोरोना वायरस से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए 75 हेल्प डेस्क सक्रिय हैं.