भारत बायोटेक और सीरम से वैक्सीन की कीमतों पर फिर बातचीत कर सकती है केंद्र सरकार

नई दिल्ली. कोरोना संक्रमण (Coronavirus In India) के खिलाफ जारी टीकाकरण नीति (Vaccination Policy) में बदलाव के साथ ही केंद्र सरकार भारत बायोटेक (Bharat Biotech) के कोवैक्सिन (Covaxin) और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के कोविशील्ड (Covishield) की कीमतों पर फिर से बातचीत कर सकती है. अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि प्रति खुराक संशोधित खरीद मूल्य, 'नई प्रणाली के तहत अभी तय किया जाएगा.' अधिकारी ने कहा कि केंद्र मूल्य निर्धारण की रूपरेखा को अंतिम रूप दे रहा है.

जब केंद्र ने जनवरी में टीकाकरण शुरू किया, तो उसने कोविशील्ड की 1 करोड़ 10 लाख खुराक 200 रुपये में और कोवाक्सिन की लगभग 55 लाख खुराक 206 रुपये में खरीदी. हालांकि, बाद में कीमतों को घटाकर 150 रुपये प्रति खुराक कर दिया गया. अप्रैल तक निजी अस्पतालों को सरकार के माध्यम से टीके खरीदने पड़ते थे. केंद्र कोविशील्ड और कोवैक्सिन दोनों के लिए प्रति खुराक 250 रुपये प्रति खुराक बेच रहा था.

अभी क्या है कीमत?

जब 18-44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के लिए टीकाकरण शुरु हुआ तब भी केंद्र के खरीद मूल्य में कोई बदलाव नहीं आया.स्वास्थ्य मंत्रालय ने 24 अप्रैल को ट्वीट किया, ' भारत सरकार द्वारा खरीदे जा रहे दोनों टीकों का मूल्य 150 रुपये प्रति खुराक है.'

अप्रैल में निर्माताओं को राज्यों और निजी अस्पतालों के लिए कीमतें तय करने की अनुमति दी गई. SII और भारत बायोटेक ने शुरू में राज्यों के लिए अपने टीकों की कीमत क्रमशः 400 रुपये और 600 रुपये और निजी अस्पतालों के लिए क्रमशः 600 रुपये और 1,200 रुपये रखी थी. कीमतों पर उठे सवाल और विवाद के बाद राज्यों के लिए खरीद मूल्य को कोविशील्ड की प्रति खुराक 300 रुपये और कोवैक्सिन की कीमत 400 रुपये प्रति खुराक की गई.

बता दें पीएम मोदी ने हाल ही में दिए घए राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा था कि पूरे देश में 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों के टीकाकरण के लिए केंद्र सरकार 21 जून से राज्यों को निःशुल्क टीके देगी और कहा कि आगामी दिनों में देश में टीकों की आपूर्ति बढ़ेगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र ने टीका निर्माताओं से राज्य के 25 प्रतिशत कोटे समेत 75 प्रतिशत खुराकें खरीदने और इसे राज्य सरकारों को निशुल्क देने का फैसला किया है.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘देश में बन रहे टीके में से 25 प्रतिशत, निजी क्षेत्र के अस्पताल सीधे ले पाएं, ये व्यवस्था जारी रहेगी. निजी अस्पताल, वैक्सीन की निर्धारित कीमत के उपरांत एक डोज पर अधिकतम 150 रुपए ही सेवा शुल्क ले सकेंगे. इसकी निगरानी करने का काम राज्य सरकारों के ही पास रहेगा.’