CBSE ने SC से कहा, 12वीं की परीक्षा टाल सकते हैं, रद्द नहीं कर सकते

कोरोना संक्रमण के चलते सीबीएसई की बची हुई परीक्षाओं पर असर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई आज होगी.  कोरोना संकट के चलते सीबीएसई की 10वीं और 12वीं कक्षा की पिछली बोर्ड परीक्षाओं के बचे हुए इम्तहान को टालने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी. सीबीएसई बोर्ड की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद रिपोर्ट दाख़िल कर दी गई है.

CBSE ने SC से कहा, 12वीं की परीक्षा टाल सकते हैं, रद्द नहीं कर सकते

कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर छात्रों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिहाज से सीबीएसई में फि‍लहाल 1 से 15 जुलाई में होने वाली बोर्ड परीक्षा टालने पर सहमति बन गई है. जिसमें सीबीएसई बोर्ड की ओर से 10वीं और 12वीं कक्षा के बचे हुए 29 विषयों की परीक्षाओं के आयोजन की बजाय छात्रों के असेसमेंट से रिजल्ट तैयार करने और परीक्षा की तारीख बढ़ाने की योजना है.

जून के दूसरे सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट में CBSE बोर्ड की परीक्षा कराए जाने के बोर्ड के फैसले के खिलाफ कुछ अभिभावकों ने याचिका दायर की थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने बोर्ड से जवाब मांगा था. याचिका में इस साल की बोर्ड की बची हुई परीक्षाएं रद्द करने की मांग की गई थी. 

याचिका में कहा गया कि सीबीएसई बोर्ड के छात्रों का रिजल्ट इंटरनल असेस्मेंट के आधार पर घोषित किया जाए. याचिका में कहा गया कि एम्स के डाटा के अनुसार, कोरोना वायरस आने वाले समय में भारत में अपने चरम पर होगा ऐसे में परीक्षाओं को रद्द कर दिया जाना चाहिए.

अभ‍िभावकों द्वारा दी गई याचिका में कहा गया कि भारत में संक्रमितों की संख्या 3 लाख के करीब पहुंच चुकी है, परीक्षाएं कराना बेहद जोखिम भरा हो सकता है. ऐसे में इंटरनल असेसमेंट के आधार पर रिजल्ट घोष‍ित किया जाए.

याचिका पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीबीएसई बोर्ड से जवाब मांगे जाने पर  मानव संसाधन विकास मंत्रालय और सीबीएसई बोर्ड के अधिकारियों की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर बैठक हुई जिसमें कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते फिलहाल जुलाई में आयोजित होने वाली परीक्षा को स्थगित करवाने पर सहमति बन गई है.

बैठक में बोर्ड के अधिकारियों ने कहा है कि दसवीं कक्षा का असेसमेंट से रिजल्ट तैयार करना आसान है, लेकिन 12वीं कक्षा के मामले में इस तरह रिज़ल्ट तैयार करने में दिक़्क़त आएगी क्योंकि 12वीं कक्षा के आधार पर आईआईटी, मेडिकल समेत उच्च शिक्षा में दाखिला होता है. स्कूल के इंटरनल असेसमेंट में कई होनहार छात्र भी फिसड्डी हो सकते हैं.

बहुत छात्र ऐसे होते हैं जो बोर्ड की परीक्षाओं की तैयारियों पर पूरा ध्यान देते हैं और स्कूल की अपनी परीक्षाओं पर ज़्यादा समय नहीं लगाते क्योंकि वे फाइनल की तैयारी में लगे रहते हैं और क्लास टेस्ट को तवज्जो नहीं देते हैं. इसके अलावा कोचिंग सेंटर में लाखों की तादाद में इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी में जुटे छात्र स्कूल में दाखिला तो लेते हैं, लेकिन कक्षा और क्लास  टेस्ट नहीं देते हैं. ऐसे में इन छात्रों का असेसमेंट मुश्किल होगा?

बोर्ड के अधिकारियों का तर्क है कि जब राज्य अपनी बोर्ड परीक्षा करवा रहे हैं तो फिर सीबीएसई बोर्ड परीक्षा भी करवायी जा सकती है. दिल्ली और मुंबई समेत अधिक संक्रमण वाले शहरों को छोड़कर अन्य जगह परीक्षा करवायी जाए। हालात ठीक होने पर बचे हुए शहरों में अगस्त में हालात ठीक होने पर भी करवाई जा सकती है.