चीन मसले पर राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुखों के साथ की बैठक, भारत नहीं रोकेगा सड़क निर्माण

पिछले कुछ दिनों में चीन और नेपाल के साथ जारी खींचतान के बीच मंगलवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अहम बैठक की. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत के अलावा तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ हुई इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख के ताजा हालात का जायजा लिया.

  • चीन मसले पर राजनाथ की बड़ी बैठक
  • तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ चर्चा
  • भारत जारी रखेगा सड़क का निर्माण

चीनी सैनिकों के साथ बीते दिनों भारतीय सैनिकों की झड़प की खबरें थीं, जिसके बाद दोनों देशों के बॉर्डर पर तनाव की स्थिति है. इस बीच मंगलवार को रक्षा मंत्री की अगुवाई में करीब एक घंटे तक बैठक चली, जिसमें भारत किस तरह चीन का जवाब दे रहा है इसकी जानकारी राजनाथ सिंह को दी गई.

बैठक में तय हुआ है कि चीन के साथ जारी मौजूदा विवाद को बातचीत और डिप्लोमेटिक मोर्चे पर सुलझाया जाएगा. लेकिन, भारतीय सेना जहां पर अभी डटी हुई है वहां रहेगी. इसके अलावा भारत ने जो सड़क निर्माण का काम शुरू किया है, वो पूरी तरह से जारी रहेगा.

वहीं चीन की ओर से जो लगातार सैनिकों की संख्या बढ़ाई जा रही है, उसी को देखते हुए अब भारत भी अपनी तैनाती को बढ़ाएगा. लद्दाख में बीते दिनों जो हुआ है, उसके बाद से ही सुरक्षा की दृष्टि से भारत ने अपनी नज़र पैनी की है और हर एक कदम पर कड़ी निगाहें बनी हुई हैं.

 कुछ ही दिन पहले भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख और सिक्किम के नाकू ला सेक्टर में भी झड़प हो चुकी है. इसी के बाद दोनों देशों में तनाव की स्थिति है. सिर्फ लद्दाख ही नहीं बल्कि बीते एक महीने में चीन और भारत के बीच तीन क्षेत्रों में तनावपूर्ण स्थिति बन रही है. वेस्ट सेक्टर में लद्दाख, ईस्टर्न सेक्टर में नॉर्थ सिक्कम और उत्तराखंड के पास दोनों देश आमने-सामने हैं.

बता दें कि हाल ही में 5,000 से अधिक चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर आ गए हैं. टकराव इस महीने के पहले हफ्ते में 5-6 मई के आसपास शुरू हुआ था और ये स्थिति सिक्किम तक बनी थी.

भारतीय सुरक्षा बलों ने अपने हेवी लिफ्ट परिवहन विमानों का इस्तेमाल अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों से सैनिकों को पूर्वी लद्दाख सेक्टर में तैनाती के लिए लाने में किया. दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में एयर स्ट्रिप का इस्तेमाल करते हुए सैनिकों को इलाके में जमा किया गया. इसके लिए हेलिकॉप्टर्स और अन्य साधनों का सहारा लिया गया.