देशभर में चलेगा एक ही कार्ड, जानें क्या है वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना

कोरोना संकट के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को आर्थिक पैकेज की दूसरी किस्त का ब्योरा दिया. इस दौरान उन्होंने प्रवासी मजदूर, किसान और रेहड़ी-पटरी पर काम करने वाले कामगारों के लिए 9 बड़े ऐलान किए.
इस दौरान उन्होंने बताया कि देशभर में वन नेशन वन राशन कार्ड योजना को लागू किया जाएगा. निर्मला सीतारमण ने बताया कि 23 राज्यों में 67 करोड़ लाभार्थियों को अगस्त 2020 तक राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी द्वारा इस योजना के दायरे में कवर किया जाएगा. वहीं, मार्च 2021 तक इसे देशभर में लागू कर दिया जाएगा. पहले इसे 1 जनू 2020 से देशभर में लागू करने की बात कही जा रही थी.
क्या है योजना
दरअसल, यह योजना मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) की तरह है. जैसे आप मोबाइल नंबर पोर्ट करते हैं, वैसे ही अब राशन कार्ड को भी पोर्ट कराया जा सकेगा. मोबाइल पोर्ट में आपका नंबर नहीं बदलता है और आप देशभर में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. इसी तरह, राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी में आपका राशन कार्ड नहीं बदलेगा. मतलब ये कि एक राज्य से दूसरे राज्य में जाते हैं तो अपने राशन कार्ड का इस्तेमाल करके दूसरे राज्य से भी सरकारी राशन खरीद सकते हैं.
उदाहरण से समझिए
मान लीजिए कि मोहित कुमार झारखंड का निवासी है और उसका राशन कार्ड भी झारखंड का है. वह इस राशन कार्ड के जरिए उत्तर प्रदेश या दिल्ली में भी उचित मूल्य पर सरकारी राशन खरीद सकेगा. मतलब कि किसी भी तरह की सीमा या नियमों का बंधन नहीं होगा. वह देश के किसी भी राज्य में राशन खरीद सकता है. अहम बात ये है कि इसके लिए किसी नए राशन कार्ड की जरूरत नहीं होगी. मतलब ये कि आपके पुराने राशन कार्ड ही इसके लिए मान्य होंगे.
बता दें कि उत्तर प्रदेश और बिहार समेत देश के 17 राज्यों ने राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी को लागू कर दिया है. इसे लागू करने वालों में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, गोवा, झारखंड और त्रिपुरा जैसे राज्य भी शामिल हैं. ये देशभर में 1 जून से लागू हो जाएगा.