लखनऊः ट्रेन में मिला मृतक मजदूर कोरोना पॉजिटिव, रिपोर्ट आने से पहले पोस्टमॉर्टम

कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बीच ट्रेन सेवाएं शुरू हो चुकी है और बड़ी संख्या में लोग सफर करने लगे हैं, लेकिन इस बीच लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में मिले मृत मजदूर की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद जिला प्रशासन और पुलिस में हड़कंप मच गया है.
मजदूर के कोरोना रिपोर्ट आने से पहले ही प्रशासन के दबाव में रातोंरात मृतक का पोस्टमार्ट्म करा दिया गया. लेकिन अब जब मृतक की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आ गई है तो प्रशासन के साथ-साथ पोस्टमॉर्टम हाउस में भी हड़कंप मच गया है.
पोस्टमार्ट्म को लेकर सीएमओ लखनऊ की बड़ी लापरवाही सामने आई है. अब सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि आधी रात को आनन-फानन में पोस्टमॉर्टम क्यों कराया गया और मृतक की कोरोना रिपोर्ट आने का इंतजार क्यों नहीं किया गया.
पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर भी दहशत में आ गए हैं. माना जा रहा है कि इस केस से बड़ी संख्या में लोगों में संक्रमण फैलने की आशंका है. अब पोस्टमॉर्टम हाउस से सूची मंगा कर मृतक मजदूर के संपर्क में आए लोगों क्वारनटीन कराया जा रहा है.
भावनगर से बस्ती जा रहा था युवक
गुजरात के भावनगर से बस्ती आ रही ट्रेन में पिछले हफ्ते 29 वर्षीय एक मजदूर की मौत हो गई थी. युवक का नाम कन्हैया लाल बताया गया और वह सीतापुर के तालगांव इलाके का रहने वाला था. मौत के वक्त वह ट्रेन में ऊपर की बर्थ पर सो रहा था.
युवक की मौत के बाद ट्रेन को लखनऊ के चारबाग स्टेशन पर रोक लिया गया. शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया. मृतक के परिजनों को सूचना दे दी गई. शुरुआती स्तर पर मौत की वजह का पता नहीं चल सका था. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद ही खुलासा हो सकेगा कि युवक की मौत के पीछे क्या कारण था.
लोग कैसे घर पहुंचेंगे
इससे पहले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से देश के अलग-अलग शहरों के लिए 15 जोड़ी यात्री ट्रेन का परिचालन मंगलवार से शुरू हो गया है. ऐसे में एक सवाल जो सबके मन में आ रहा है कि अलग-अलग स्टेशन पहुंच रहे लोग घर कैसे पहुंचेंगे? उन्हें क्वारनटीन किया जाएगा या घर जाने दिया जाएगा?
ट्रेन का परिचालन शुरू होने के साथ ही अब इस बात को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर टिकट लेकर घर को लौट रहे लोग स्टेशन से अलग-अलग जनपदों में जाएंगे या फिर क्वारनटीन कराया जाएगा. यह सवाल इसलिए भी, क्योंकि सार्वजनिक परिवहन के साधनों का परिचालन हो नहीं रहा और जिलों की सीमाएं सील हैं. अभी अंतर जनपदीय आवागमन पर भी रोक है.
उत्तर प्रदेश में कानपुर और लखनऊ जैसे रेड जोन वाले शहरों में तो आवागमन बहुत ही मुश्किल है, ऐसे में यात्रियों के दूसरे जनपदों में अपने घर जाने की व्यवस्था को लेकर सरकार ने कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी नहीं किया है. हालांकि, गृह विभाग ने साफ किया है कि इसका प्रबंध जिलाधिकारी करेंगे.
रेलवे ने अपने निर्देश में साफ कर दिया है कि हर राज्य से गुजरने वाली ट्रेन से उतरने वाले यात्रियों पर उस राज्य के कोविड प्रोटोकॉल लागू होंगे.
स्टेशन पर होगी स्वास्थ्य की जांच
उत्तर प्रदेश के किसी भी स्टेशन पर अगर कोई भी यात्री अपने टिकट के साथ स्टेशन पर उतरेगा, तो हर स्टेशन पर मौजूद मेडिकल टीम उनके स्वास्थ्य की जांच करेगी.
अगर बुखार, खांसी या कोई लक्षण मिला तो फिर जिला प्रशासन उन्हें क्वारनटीन कराएगा. फिर उनकी कोरोना जांच कराई जाएगी. रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही उस व्यक्ति को अपने घर जाने की इजाजत दी जाएगी.
उत्तर प्रदेश से होकर गुजरने वाली स्पेशल ट्रेनें कानपुर, प्रयागराज, झांसी, आगरा और दीन दयाल उपाध्याय रेलवे जंक्शन पर रुकेंगी.