औरैया हादसा: चाय पीने के लिए ढाबे पर रुके थे मजदूर, पीछे से मौत बनकर आया ट्रक

उत्तर प्रदेश के औरेया में ट्रक हादसे में मजदूरों की मौत भयावह है. रात को 3 से 3.30 बजे के बीच जब सड़कों पर सन्नाटा था. तब मजदूरों से भरी एक डीसीएम सड़क पर जा रही थी, इसी दौरान एक ट्रक ने इस गाड़ी को जोरदार टक्कर मार दी.

इस हादसे में 24 मजदूरों की मौत हो गई है, कई मजदूर अस्पताल में गंभीर रूप से घायल स्थिति में अस्पताल में भर्ती हैं. ये टक्कर इतनी तेज थी कि इसकी आवाज आसपास के गांव में सुनाई दी. अंधेरा होने की वजह से मजदूरों को मदद मिलने में देरी हुई, और कई मजदूरों की इलाज के अभाव में मौत हो गई.

टक्कर की वजह से डीसीएम चकनाचूर हो गया. ये मजदूर दिल्ली से गोरखपुर जा रहे थे. मजदूर राजस्थान से दिल्ली पहुंचे थे और यहां से गोरखपुर जा रहे थे. एक घायल मजदूर ने कहा कि ट्रक में 40 से 50 मजदूर थे. घायलों में लगभग 20 मजदूरों को जिला अस्पताल और सैफई पीजीआई में भर्ती कराया गया है.

राजस्थान से आ रहे थे मजदूर

अस्पताल में एक घायल मजदूर ने कहा कि वे लोग राजस्थान से आ रहे थे. ज्यादातर मजदूर नींद की हालत में थे, तभी पीछे से किसी ने टक्कर मार दी. धमाके के साथ आवाज हुई. कई लोगों को पता भी नहीं चल पाया कि क्या हुआ. जब उसे होश आया तो उसने खुद को अस्पताल में पाया.

मौत बनकर आई चाय की तलब

कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि हादसा तब हुआ जब दिल्ली से आने वाली डीसीएम पर बैठे मजदूरों ने सुबह से पहले चाय पीने की इच्छा जाहिर की. ये मजदूर औरैया-कानपुर देहात रोड पर सड़क के किनारे एक ढाबे पर चाय पीने लगे. इस दौरान कुछ मजदूर ढाबे पर थे तो कुछ डीसीएम में ही सोए रहे. तभी राजस्थान से आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रक ने मजदूरों की एक डीसीएम को जोरदार टक्कर मार दी. ये टक्कर इतनी तेज थी कि दोनों ही गाड़ियां पलट गईं और सड़क के किनारे एक गड्ढ़े में जा गिरीं.

टक्कर के बाद दोनों गाड़ियां पलटीं

औरैया के सर्किल ऑफिसर सुरेंद्रनाथ यादव ने कहा कि ट्रक दिल्ली से आ रहा था. इस दौरान डीसीएम को ट्रक ने जोरदार टक्कर मार दी. हादसे के बाद दोनों गाड़ियां पलट गई. रिपोर्ट के मुताबिक कई मजदूरों की मौत ट्रक के नीचे दबने से हुई है. इस ट्रक में चूने का पैकेट लदा हुआ था. हादसे में मरने वाले मजदूर बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के थे.

सीएम ने दिए जांच के आदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं. कानपुर के मंडलायुक्त और आईजी कानपुर घटना की जांच कर मुख्यमंत्री कार्यालय को इस घटना की रिपोर्ट सौंपेंगे. ये दोनों अधिकारी घटनास्थल पहुंच चुके हैं.

प्रशासन के सामने पहचान की चुनौती

रिपोर्ट के मुताबिक अब प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती इन मजदूरों के परिवार वालों को घटना की सूचना देने की है. मजदूरों के पास कोई खास दस्तावेज नहीं था. इस वजह से इनकी पहचान पता करना बेहद मुश्किल काम है. दूसरी चुनौती है कि प्रशासन इन 24 मजदूरों की डेड बॉडी किसे सौंपे. हालांकि प्रशासन घायल मजदूरों के ठीक होने का इंतजार कर रहा है. ताकि उनके बयान के आधार पर मजदूरों के परिवार वालों से संपर्क किया जा सके.