‘सरकार नहीं समाज बताए किसे मिले आर्थिक मदद’, नोबेल विजेता ने सुझाया इंडोनेशियाई मॉडल

कांग्रेस नेता राहुल गांधी कोरोना वायरस के संकट के दौरान लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं. इस बीच वह इस मसले से निपटने के लिए कई एक्सपर्ट्स से भी बात कर रहे हैं. मंगलवार को नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी से बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने कई सवाल पूछे. इसी दौरान उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसे कौन-से देश हैं, जिनकी नीति से हमें फायदा हो सकता है या हम अपना सकते हैं.

  • कोरोना संकट पर राहुल गांधी का मंथन
  • नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी से की खास बात
  • अभिजीत ने सुझाया इंडोनेशिया का फॉर्मूला

अभिजीत बनर्जी ने इस दौरान इंडोनेशिया का एक उदाहरण दिया. राहुल गांधी से अभिजीत बनर्जी ने कहा कि इस वक्त इंडोनेशिया लोगों को पैसा देने जा रहा है और यह सब कम्युनिटी स्तर पर फैसला लेने की प्रक्रिया के तहत हो रहा है.

नोबेल विजेता बनर्जी बोले कि सरकार नहीं बल्कि समाज तय कर रहा है कि कौन जरूरतमंद है और फिर उसे पैसा ट्रांसफर किया जा रहा है. हमने इंडोनेशिया की सरकार के साथ काम किया है और देखा कि केंद्रीकृत प्रक्रिया के मुकाबले यह कहीं ज्यादा सही प्रक्रिया है. इससे आप किसी खास हित को सोचे बिना फैसला लेते हो.

राहुल गांधी से बात करते हुए अभिजीत बनर्जी ने कहा कि यहां स्थानीय स्तर पर लोग ही तय कर रहे हैं कि क्या सही है, मुझे लगता है कि यह ऐसा अनुभव है जिससे हम सीख सकते हैं. उन्होंने कम्युनिटी को बताया कि देखो पैसा है, और इसे उन लोगों तक पहुंचाना है जो जरूरतमंद हैं.

अभिजीत बनर्जी ने कहा कि जिस तरह की अब आपात स्थिति है, उस दौरान यह अच्छी नीति है क्योंकि समाज के पास कई बार वह सूचनाएं और जानकारियां होती हैं तो केंद्रीकृत व्यवस्था में आपके पास नहीं होतीं.

राहुल गांधी ने इसपर कहा कि भारत में असरदार जातियां इसका फायदा उठा सकती हैं और जरूरतमंद लोग वंचित रह सकते हैं. इसपर डॉ. बनर्जी ने जवाब दिया कि ऐसा जरूर हो सकता है, लेकिन उसमें भी हमें सिस्टम से काम लेना होगा. कुछ अतिरिक्त राशि रखनी होगी कि असली जरूरतमंद तक पहुंच सके, आज जैसी स्थिति है उसमें रिस्क लेना जरूरी है.