योगी कैबिनेट की बैठक आज, पुलिस कमिश्नरी प्रणाली पर लग सकती है मुहर

उत्तर प्रदेश में पुलिस कमिश्नरी प्रणाली को आज योगी कैबिनेट से मंजूरी मिल सकती है. इसे लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) में लागू किया जाएगा. शनिवार को मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में प्रस्ताव पर मुहर लग गई है. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस अधिकारियों के साथ पुलिस कमिश्नरी प्रणाली पर मंथन किया था. हरियाणा के गुरुग्राम और मुंबई मॉडल पर चर्चा की गई थी.

 

  • लखनऊ और नोएडा में लागू होगी पुलिस कमिश्नरी प्रणाली
  • पुलिस कमिश्नर को मिल जाएंगे प्रशासनिक अधिकार

 

लखनऊ और नोएडा के एसएसपी का तबादला कर दिया गया है और उनकी जगह किसी की तैनाती नहीं की गई है. ऐसे में संभावना है कि सरकार बाई सर्कुलेशन पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे सकती है. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओ.पी. सिंह ने कहा था कि पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू किए जाने को लेकर शासन में मंथन चल रहा है. इस पर अंतिम निर्णय सरकार को लेना है.

पुलिस कमिश्नरी प्रणाली के पीछे योगी सरकार का तर्क यह है कि इससे जिलों की कानून व्यवस्था बेहतर होगी. इसके बाद कानून और व्यवस्था सहित तमाम प्रशासनिक अधिकार भी पुलिस कमिश्नर के पास रहेंगे.

यहां-यहां लागू है पुलिस कमिश्नरी प्रणाली

कमिश्नरी प्रणाली अंग्रेजों के समय से चेन्नई, कोलकता और मुंबई में लागू थी. इसके बाद इसे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, हैदराबाद, राजकोट और अहमदाबाद जैसे शहरों में भी लागू किया गया. बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश और पंजाब में यह प्रणाली लागू नहीं है.

पुलिस को मिलेंगे ये अधिकार

पुलिस कमिश्नरी प्रणाली में उप पुलिस अधीक्षक (डिप्टी एसपी) से ऊपर जितने अधिकारी होते हैं, उनके पास मजिस्ट्रेट स्तर की शक्ति होती है. मगर थानाध्यक्ष और सिपाही को वही अधिकार रहेंगे, जो उन्हें फिलहाल मिले हुए हैं. कहीं विवाद या बड़े बवाल जैसी घटना होती है तो जिलाधिकारी के पास ही भीड़ नियंत्रण और बल प्रयोग करने का अधिकार होता है, मगर कमिश्नरी लागू होने पर इसका अधिकार पुलिस के पास होगा. इसके साथ ही शांति व्यवस्था के लिए धारा-144 लागू करने का अधिकार भी कमिश्नर को मिल जाएगा.