CAA: दंगाइयों से रिकवरी की तैयारी, लखनऊ में 40 लोग चिन्हित

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर प्रदेश में हुई हिंसा के बाद अब योगी सरकार हिंसा फैलाने वालों से चुन-चुन कर हर्जाना वसूलने का अभियान शुरू करने जा रही है. सरकार ने फिलहाल चार सदस्यों की कमेटी बनाई है जो पूरे प्रदेश में हुए हिंसा से नुकसान का जायजा लेगी. हिंसा में हुए पूरे नुकसान की कीमत तय की जाएगी. उसके बाद यह रिपोर्ट डीएम को सौंपी जाएगी. उसमें जितने लोग इस हिंसा में चिन्हित किए जाएंगे या जिनकी पहचान दंगाई के तौर पर होगी उन्हें हर्जाने का नोटिस भेजा जाएगा.
40 लोगों को पुलिस ने किया चिन्हित
बताया जा रहा है कि अकेले लखनऊ में करीब 40 लोगों को पुलिस ने चिन्हित किया है और उन्हें नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है. यह नोटिस हर इलाके के तहसीलदार के माध्यम से उन परिवारों को भेजी जाएगी जिनके घरों के लड़के हिंसा फैलाने में पहचाने गए हैं. जिला प्रशासन सभी 40 आरोपी लोगों को नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है. एक बार प्रदेश में हिंसा से हुए नुकसान का पूरा ब्यौरा सामने आ जाएगा. तब उसके बाद यह नोटिस उन दंगाइयों के घरों को भेजे जाएंगे.
लखनऊ पुलिस ने अब तक 54 लोगों की तस्वीरें जारी की हैं जो इस हिंसा में पहचाने गए हैं. सूत्रों की मानें तो 16 लोगों के खिलाफ नोटिस तैयार है जो कभी भी उनके घरों को भेजा जा सकता है. लखनऊ पुलिस लगभग 40 लोगों को नोटिस भेजने की तैयारी कर रही है.
तस्वीरें जारी करने का सिलसिला लगभग सभी हिंसा ग्रस्त शहरों में चल रहा है गोरखपुर मेरठ लखनऊ बुलंदशहर कानपुर ऐसे शहरों कि पुलिस ने अपने टि्वटर हैंडल पर हिंसा और दंगा फैलाने वाले पहचाने गए लोगों की तस्वीरें जारी की है और इनमें से कईयों के खिलाफ हर जाने के नोटिस की तैयारी हो रही है.
मौलानाओं ने लगाया सरकार पर आरोप
बड़े मौलानाओं के मुताबिक हर्जाना के बहाने गरीब मुसलमानों पर सरकार का कहर बरस सकता है. वहीं टीले वाली मस्जिद के मौलाना सय्यद फजलुर मन्नान के मुताबिक सरकार दंगाइयों पर कार्रवाई करें. उनका कहना है कि निर्दोषों पर कार्रवाई नहीं करनी चाहिए. कई लोग ऐसे पकड़े गए हैं जो निर्दोष हैं और हिंसा में शामिल नहीं थे.
वहीं सीओ हजरतगंज अभय मिश्रा का कहना है कि हमने लोगों को चिन्हित करना शुरू कर दिया है. हम अपनी रिपोर्ट मजिस्ट्रेट को दे रहे हैं जो हर्जाने की नोटिस भेजेंगे.
मुजफ्फरनगर में हिंसा को लेकर हुईं दुकाने सील
मुजफ्फरनगर में हिंसा के अगले ही दिन दर्जन भर दुकानों को सील कर लिया गया. एसएसपी मुजफ्फरनगर ने साफ तौर पर कहा था कि इन दुकानों से हिंसा करने वाली भीड़ निकली थी इसलिए इन्हें सील किया गया है और इनसे जुर्माना वसूला जाएगा. लेकिन बाद में एडीएम ने कहा कि इन दुकानों को इसलिए सील किया गया ताकि इनके भीतर मौजूद सीसीटीवी में सबूत नष्ट न किए जा सकें.
जानकारी के मुताबिक प्रदेश भर में 135 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हुई. 725 लोग गिरफ्तार कर जेल भेजे गए. 4500 लोगों पर निरोधात्मक कार्रवाई की गई. अब तक हुई हिंसा में 263 पुलिस वाले घायल हुए. घायल पुलिसकर्मियों में 57 पुलिसकर्मी गोली लगने से घायल हुए.
हिंसा में भारी पैमाने पर अवैध शास्त्रों का उपयोग किया गया. मौके से पुलिस ने 405 देसी तमंचे के खोखे बरामद हुए. वहीं सोशल मीडिया पर 13101 पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई हुई उनमें 63 लोगों पर एफआईआर,102 लोग अरेस्ट हुए वहीं 442 पाबंद हुए.