दिल्ली: नरेला में चल रही अवैध पटाखा फैक्ट्री सील, 50 लाख का माल जब्त

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण और सुप्रीम कोर्ट के तमाम कड़े प्रतिबंधों के बाद भी दिल्ली में नरेला में पटाखा फैक्ट्रियों का अवैध कारोबार जारी है. नरेला में अवैध रूप से चल रही पटाखा फैक्ट्रियां मौत का कारोबार कर रही हैं. दिल्ली पुलिस की टीम जब नरेला इंडस्ट्रियल इलाके में पहुंची तो हैरान रह गई. एक बिल्डिंग में जब पुलिस ने छापेमारी की तो हर तरफ कमरे में बड़ी-बड़ी मशीनें बरामद हुईं. पूरे कमरे में बारूद की गंध फैली हुई थी.

साथ ही फैक्ट्री में कई बंद बोरे मिले, जिनमें भारी मात्रा में पटाखे मौजूद थे. पुलिस ने पूरी बिल्डिंग पर छापेमारी की तो हर जगह अवैध पटाखों की खेप नजर आई. नरेला इंडस्ट्रियल इलाके में बनी बिल्डिंग में तमाम नियम और कानून को ताक पर रख कर बड़े पैमाने पर पटाखे बनाने का काम लंबे वक्त से चल रहा था. इस बिल्डिंग से हालांकि पुलिस स्टेशन बेहद नजदीक है लेकिन पुलिस का दावा है कि इसकी जानकारी तब मिली, जब 14 अक्टूबर की शाम एक टेम्पो को पकड़ा गया.

टेम्पो की तलाशी में पटाखे मिले फिर ड्राइवर दीपक से पूछताछ की गई. ड्राइवर ने बताया कि ये पटाखे वो सोनीपत लेकर जा रहा था. दीपक के खुलासे के बाद इस मौत की फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ.

50 लाख से ज्यादा माल बरामद

बाहरी उत्तरी दिल्ली के डीसीपी गौरव शर्मा ने कहा कि टेम्पो से पटाखे बरामद होने के बाद पुलिस ने इस फैक्ट्री में छापा मारा जहां से पुलिस ने 700 कार्टन, 10 टन पटाखे बनाने का खतरनाक विस्फोटक, केमिकल से भरे कई ड्रम बरामद हुआ. इस फैक्ट्री से 19 मशीनें जब्त की गईं , जिसके जरिए पटाखे बनाये जाते थे. पुलिस ने उस फैक्ट्री से जो पटाखे बरामद किए उनकी कीमत 50 लाख से ज्यादा है.

फैक्ट्री मालिक गिरफ्तार

पुलिस फैक्ट्री के मालिक राजकुमार गोयल को छापे के दौरान मौके से गिरफ्तार कर लिया था. पूछताछ में खुलासा हुआ कि यहां 3 महीने से पटाखे बनाने का काम चल रहा था. पुलिस ने फैक्ट्री को सील कर दिया है. पुलिस के मुताबिक इस गोरखधंधे में अभी कुछ और लोग शामिल हो सकते हैं जिनकी गिरफ्तारी जल्द होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने लगाया प्रतिबंध

सुप्रीम कोर्ट का साफ आदेश है कि दिल्ली में पटाखे फोड़ने और बेचने पर पाबंदी है. तमाम प्रतिबंधों को नजरअंदाज कर व्यापारी कानून को ताक पर रखकर मौत की फैक्ट्री चला रहे हैं. इन शहरों में पूरी तरह से मौत का व्यापार चल रहा है. इसी इलाके में थोड़ी दूर पर 2 साल पहले एक पटाखा फैक्ट्री में आग लगी थी , जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद भी स्थानीय प्रशासन की लापरवाही से फैक्ट्री चलने के मामले सामने आ रहे हैं.