अन्ना के मंच पर नहीं आम जनता के बीच बैठेंगे सियासी लोग

कहते हैं कि दूध का जला छाछ को भी फूंक-फूंककर पीता है. ऐसा ही कुछ अन्ना हजारे के साथ है. आज से रामलीला ग्राउंड में अन्ना का सत्याग्रह शुरु हो रहा है. अन्ना ये सत्याग्रह किसानों के लिए कर रहे हैं. लेकिन वर्ष 2011 के आंदोलन से ये सत्याग्रह कुछ अलग होगा. सत्याग्रह शुरु होने से पहले ही अन्ना ने साफ कर दिया है कि किसी भी सियासी दल और चेहरे को मंच पर जगह नहीं मिलेगी.

अगर कोई सियासी दल या व्यक्ति सत्याग्रह में शामिल होना भी चाहता है तो उसे मंच से नीचे जनता के बीच में बैठना होगा. साथ ही अन्ना ने एक और कड़ा कदम उठाते हुए सत्याग्रह में शामिल होने वाले लोगों के लिए एक शर्त रखी है. अन्ना का कहना है कि ‘जो भी इंसान सत्याग्रह में भाग लेना चाहता है तो उसे एक शपथ पत्र देना होगा. वह शपथ पत्र में लिखकर देगा कि वह भविष्य में किसी भी सियासी दल में नहीं जाएगा. अपनी पार्टी नहीं बनाएगा.

अन्ना ने कहा है कि अगर सत्याग्रह में शामिल होने वाला कोई भी इंसान इस शर्त को तोड़ता है तो उसके खिलाफ कोर्ट में केस दायर किया जाएगा.’ अन्ना ने आरोप लगाते हुए कहा है कि ‘वह चार महीने में 16 पत्र सत्याग्रह की अनुमति के लिए लिख चुके हैं. तीन दिन पहले तक उन्हें सत्याग्रह के लिए अनुमति नहीं दी गई थी. तीन दिन पहले दिल्ली पुलिस ने सूचना दी है कि कुछ शर्तों के साथ आपको सत्याग्रह करने की अनुमति दी जाती है.’

अन्ना से जुड़े जानकारों की मानें तो 23 मार्च (आज) सुबह अन्ना सबसे पहले राजघाट जाकर गांधीजी की समाधि पर श्रद्धांजलि देंगे और उसके बाद 12.30 बजे से रामलीला ग्राउंड पर सत्याग्रह की शुरुआत करेंगे. इस आंदोलन के मंच पर कुछ खास चेहरे कौन-कौन से होंगे तो इस बारे में अन्ना ने कोई भी खुलासा नहीं किया है. लेकिन सूत्रों की मानें तो अन्ना के साथ इस बार मंच पर देश के जाने-माने समाजसेवी दिखाई दे सकते हैं. इसमे एक चेहरा जलपुरुष राजेन्द्र सिंह का भी हो सकता है