बजट: पीयूष गोयल ने किया था नजरअंदाज, क्या निर्मला लेंगी छात्र-छात्राओं की सुध

देश की वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को आम बजट पेश करने वाली हैं. इस बजट से एजुकेशन सेक्‍टर को काफी उम्‍मीदें हैं. दरअसल, बीते फरवरी महीने में मोदी सरकार ने अंतरिम बजट पेश किया था. इस बजट में कई ऐसे सेक्‍टर थे जिन्‍हें उम्‍मीद के मुताबिक तोहफे नहीं मिले. इन्‍हीं में एक एजुकेशन सेक्‍टर था. एजुकेशन सेक्‍टर को तब के वित्त मंत्री पीयूष गोयल से बड़े तोहफे की उम्‍मीद थी लेकिन शिक्षा बजट में मामूली बढ़ोतरी हुई.

वहीं सरकार के अंतरिम बजट में केंद्रीय विश्वविद्यालयों की फंडिंग में कोई बदलाव नहीं किया गया. इसके अलावा नए आईआईटीज स्थापित करने के लिए कोई राशि आवंटित नहीं की गई. यही नहीं, सरकार के उच्च शिक्षण संस्थानों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 फीसदी आरक्षण लागू करने और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 25 फीसदी सीटें बढ़ाने का आदेश देने के बाद भी इन संस्थानों के बजट में कोई बदलाव नहीं हुआ.

बीते फरवरी महीने में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल द्वारा पेश अंतरिम बजट में स्कूल और उच्च शिक्षा के लिए संयुक्त रूप से 93,847.64 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के लिए 56,386 करोड़ रुपये का बजट आवंटित हुआ, जो पिछले साल के 50,000 करोड़ रुपये से करीब 6300 करोड़ ज्यादा है.

वहीं पीयूष गोयल ने उच्च शिक्षा विभाग के लिए 37 हजार 461.01 करोड़ रुपये आवंटित किए.अंतरिम बजट में आईआईटीज के लिए आवंटित राशि में मामूली बढ़ोतरी देखी गई. इसमें पिछले साल आवंटित राशि 5,613 करोड़ रुपये से इस साल बढ़ाकर 6,143.03 करोड़ रुपये कर दी गई. जबकि सरकार ने मध्याह्न भोजन योजना के लिए पिछले साल के 10,500 करोड़ रुपये की तुलना में इस वर्ष 11,000 करोड़ रुपये आवंटित किए.