'वायु' उड़ा देगा मानसून के बादल? उत्तर भारत में मचा सकता है हाहाकार

उत्तर भारत में मानसून के देरी से पहुंचने की भविष्यवाणी पहले ही की जा चुकी है. धीरे-धीरे कदमों से आगे बढ़ रहे मानसून से लग रहा था कि कुछ दिनों में मैदानी इलाकों में गर्मी से राहत मिलेगी. लेकिन चक्रवाती तूफान वायु के चलते अब एक आशंका यह पैदा हो गई है कि कहीं यह मानसूनी बादल को ही न ले उड़े.

भीषण गर्मी झेल रहे उत्तर भारत में मानसून के देरी से पहुंचने की भविष्यवाणी पहले ही की जा चुकी है. धीरे-धीरे कदमों से आगे बढ़ रहे मानसून से लग रहा था कि मैदानी इलाकों में कुछ दिनों बाद राहत मिलेगी. लेकिन चक्रवाती तूफान 'वायु' के चलते अब एक आशंका यह पैदा हो गई है कि कहीं यह मानसूनी बादल को ही न ले उड़े. अगर ऐसा हुआ तो उत्तर भारत में हाहाकार मच जाएगा. क्योंकि पूरे मैदानी इलाकों में किसान खेती-बाड़ी के लिए मानसून की बारिश पर ही निर्भर होते हैं.

वैसे तो मानसून पहले से ही देरी से चल रहा है, लेकिन अगर वो 80 से 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाले वायु चक्रवात की चपेट में आ गया तो किसानों को बहुत नुकसान उठाना पड़ेगा. अगर मानसूनी बादल नहीं ठहरे तो बादल भी नहीं बरसेंगे. बादल नहीं बरसे तो उत्तर भारत में सूखे की स्थिति पैदा हो जाएगी.

गुजरात में अलर्ट

बहरहाल, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने गुजरात के तटवर्ती इलाकों में चक्रवाती तूफान वायु आने की चेतावनी दी है. मौसम विभाग के मुताबिक अरब सागर से उठने वाला चक्रवाती तूफान वायु 75 किलोमीटर से लेकर अधिकतम 135 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार के साथ प्रदेश के कई इलाकों में चलेगा. चक्रवाती तूफान 12-13 जून को सौराष्ट्र तट पर दस्तक दे सकता है.

तूफान के कारण अहमदाबाद, गांधीनगर और राजकोट समेत तटवर्ती इलाके वेरावल, भुज और सूरत में हल्की बारिश हो सकती है. चक्रवात के कारण सौराष्ट्र के भावनगर, अमरेली, सोमनाथ, वेरावल, जामनगर, पोरबंदर और कच्छ समेत कई इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश की संभावना है.