चुनावी मैदान में पिछले 23 वर्षों में क्या है बीजेपी और कांग्रेस का सक्सेस रेट

लोकसभा चुनाव 2019 में पहली बार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी ) ने कांग्रेस से ज्यादा उम्मीदवार उतारे हैं. 2019 के चुनाव में भाजपा के 437 उम्मीदवार लोकसभा के चुनावी मैदान में हैं. वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 427 सीटों पर चुनाव लड़ा था और इसमें से 282 सीटों पर उसे जीत मिली थी. वहीं कांग्रेस ने देशभर की कुल 450 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे .

कांग्रेस 450 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ी लेकिन सक्सेस रेट देखा जाए तो काफी कम रहा. इस चुनाव में कांग्रेस 50 सीटों तक भी नहीं पहुंच सकी. कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा और उसे महज 44 सीटें मिलीं. 2014 के चुनाव में बीजेपी के जीत की बड़ी वजह थी मोदी लहर. 1996 से 2014 तक के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा का सक्सेस रेट देखें तो इसका ग्राफ सिर्फ 2009 में एक बार ही कांग्रेस से नीचे गया है.

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भाजपा ने कई वर्षों से लगातार इस पर काम किया है कि कैसे सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत की जाए. 2014 के बाद भाजपा की पकड़ पूरे देश में फैली है. अपने इसी विस्तार के कारण भाजपा, कांग्रेस से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ रही है. भाजपा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में एनडीए के सहयोगियों का साथ छोड़ इस बार सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ रही है. जबकि, कांग्रेस इस बार भाजपा की तुलना में कम सीटों पर चुनाव लड़ रही है क्योंकि उसने 2014 की तुलना में अधिक दलों के साथ गठबंधन कर रखा है. उसे सीटें बांटनी पड़ रही है. कांग्रेस ने कई सीटों पर बिना गठबंधन के आपसी सहमति से सीटें छोड़ रही है.