काशी के मोदी: 5 साल में सांसद के तौर पर बनारस को क्या-क्या दिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर वाराणसी सीट से शुक्रवार को नामांकन करेंगे. मोदी के खिलाफ कांग्रेस ने अजय राय और सपा ने शालिनी यादव को उम्मीदवार बनाया है. माना जा रहा है कि नरेंद्र मोदी को विपक्ष ने वॉकओवर दे दिया है. नामांकन से एक दिन पहले गुरुवार को पीएम पहुंचे तो वाराणसी 'मोदीमय' हो गया. इससे उनकी लोकप्रियता को समझा जा सकता है.

बता दें कि नरेंद्र मोदी ने यूं ही नहीं काशी को 2014 में अपने संसदीय क्षेत्र के रूप में चुना, बल्कि वो जानते थे कि यदि काशी सध गया तो सबसे ज्यादा सीटों वाला उत्तर प्रदेश सध जाएगा और यूपी सध गया तो पूरा देश सध जाएगा. 2014 में काशी से पर्चा भरने के बाद नरेंद्र मोदी ने कहा था, "..न मुझे किसी ने भेजा है, न मैं यहां आया हूं, मुझे तो गंगा मां ने बुलाया है."

उन्हीं गंगा मां का आशीर्वाद प्राप्त कर प्रचंड बहुमत के साथ नरेंद्र मोदी काशी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री बने. एक बार फिर काशी के रण मोदी किस्मत आजमाने उतरे हैं. पिछले पांच साल में काशी को यूं तो कई योजनाएं मिलीं. जिसमें काशी को जापान की धार्मिक नगरी क्योटो की शक्ल देने की जिद भी है और स्मार्ट सिटी बनाने का जज्बा भी. तो वहीं देश का सबसे स्वच्छ शहर बनाने का स्वप्न भी है.

काशी और इसके आसपास के इलाकों में विकास की तकरीबन 24000 करोड़ से ज्यादा की परियोजनाएं चल रहीं हैं. साथ ही हृदय योजना के तहत यहां की धरोहरों, ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण और संवर्धन का काम भी तेजी से चल रहा है.