संगीत विश्वविद्यालय में संगीत सभा एवं कार्यशाला हुई

ग्वालियर। राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय ग्वालियर एवं संस्कृति संचालनालय म. प्र. शासन भोपाल के संयुक्त तत्वावधान में आज संगीत सभा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में अजराडा घराने के प्रख्यात तबला वादक उस्ताद अकरम खां ने एकल तबला वादन प्रस्तुत किया। एकल तबला वादन के पश्चात तबला विभाग में तबला वादन कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें तबला विद्यार्थियों ने उस्ताद जी से तबला वादन की बारीकियां समझने का प्रयास किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संत कृपाल सिंह महाराज एवं विशिष्ट अतिथि दैनिक स्वदेश, ग्वालियर के प्रधान संपादक अतुल तारे उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. लवली शर्मा ने की। कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के संगीत संकाय द्वारा किया गया। संयोजन डाॅ. विनोद कटारे ने किया। कार्यक्रम का संचालन मनीष करवडे एवं श्रीमती पारूल दीक्षित ने किया। उस्ताद अकरम खान ने ताल तीन ताल में एकल वादन प्रस्तुत किया। आपने तीनताल में पेशकार के बाद अजराडा घराने के कायदे प्रस्तुत किये। आपने अजराडा घराने के विशिष्ट कायदे ‘‘धात्रक धिकिट घेनधातिगेन धात्रकधिकिट घेनतिनगिन’’ एवं ‘‘तकधिन धागेतिरकिट धागेत्रक धिनगिन धागेतिट धागेत्रक धिनगिन’’ कायदे प्रस्तुत किये। कायदो के पश्चात आपने धातिरघिडनग धिनतक धातिरघिडनग धातिरघिडनग धिनतक रेला प्रस्तुत किया। रेला के पश्चात् आपने खण्ड जाति में चलन भी प्रस्तुत किया। विलंबित लय के पश्चात् मध्य लय में आपने अनागत टुकडे, मुखडे परन, चक्रदार आदि बजाया। तबला वादन के साथ लहरा संगति अब्दुल हमीद खान ने की।
तबला कार्यशाला में आपने तबला विषय के विद्यार्थियों को तबला वादन का प्रशिक्षण दिया। जिसमें आपने बोलों के निकास, बोलों की शुद्धता एवं तैयारी के साथ वादन पद्धति का प्रशिक्षण दिया। अजराडा घराने के प्रमुख बोल समुदायों के बारे में भी आपने विद्यार्थियों को जानकारी दी। कार्यक्रम में संत कृपाल सिंह महाराज, अतुल तारे, प्रो. लवली शर्मा, प्रो. रंजना टोणपे, डाॅ. विनोद कटारे, मनीष करवडे, डाॅ. संजय सिंह डाॅ. मुकेश सक्सेना, अनंत मसूरकर, डाॅ. अरूण धर्माधिकारी सहित विश्वविद्यालय के समस्त विभागों के प्रभारी, संगतकार, शिक्षकगण छात्र-छात्राएॅं एवं नगर के कला रसिक उपस्थित थे।