कांग्रेस का घोषणापत्र: जानें 2014 के वादों से क्या है इस बार अलग

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. 'जन आवाज' के नाम से जारी घोषणापत्र में कई बड़े वादे किए गए हैं. कांग्रेस ने जिस तरह के बड़े वादे किए हैं उससे यही लगता है कि इस बार ये वादे गेमचेंजर बन सकते हैं. एक नजर डालते हैं 2014 और 2019 के वादों पर.

5 साल पहली वाली कांग्रेस और आज के कांग्रेस के घोषणापत्र में क्या है अंतर.

रोजगार को लेकर

2014: 10 करोड़ युवाओं को पांच साल में स्किल डिवेलपमेंट के जरिए रोजगार देंगे.

2019: युवाओं को 22 लाख नौकरियां दी जाएंगी और 31 मार्च 2020 तक ये सारे पद भर दिए जाएंगे. साथ ही 10 लाख युवाओं को ग्राम पंचायत में नौकरी.

गरीबों की खातिर

2014: सभी बेघरों को इंदिरा और राजीव आवास योजनाओं के तहत घर दिए जाएंगे. 20 साल तक एक मकान में बतौर किराएदार रहने वाला उस घर मालिक बनेगा. शहरों में झुग्गियों की जगह 2017 तक पक्के मकान दिए जाने का वादा किया गया था.

2019: सत्ता में आए तो न्याय योजना लागू करेंगे. 5 करोड़ परिवार या 25 करोड़ लोगों को सालाना 72 हजार रुपये देंगे. यह रकम 12 हजार रुपये महीने तक की आय वाले गरीब परिवारों को दी जाएगी.

स्वास्थ्य सेवा

2014: स्वास्थ्य के अधिकार का वादा. दूरदराज के क्षेत्रों तक मेडिकल वैन पहुंचाना. जीडीपी का 3 फीसदी हिस्सा स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं पर खर्च किया जाएगा.

2019: गरीबों को उच्चस्तरीय मेडिकल सुविधा की व्यवस्था.

स्वास्थ्य

2014: 2020 तक स्वास्थ्य के क्षेत्र में 60 लाख नए रोजगार के अवसरों को पैदा करना.

2019: मनरेगा में 150 दिनों के रोजगार की गारंटी.

अर्थव्यवस्था

2014: एफडीआई से किसानों को बढ़िया मूल्य दिलाना.

2019: कांग्रेस विनिर्माण क्षेत्र में जीडीपी की मौजूदा हिस्सेदारी 16 प्रतिशत को अगले 5 साल में 25 फीसदी तक करके भारत को विश्व का निर्माण केंद्र बनाने का वादा.

शिक्षा

2014: उच्चस्तरीय शिक्षा और खेल की सुविधाएं देना. राष्ट्रीय स्तर पर युवाओं की प्रतिभा पहचानना.

2019: शिक्षा पर बजट का 6 फीसदी पैसा खर्च किया जाएगा. कांग्रेस की सरकार बनी तो शिक्षा की दिशा और दशा को सुधारने के लिए 6 फीसदी पैसा खर्च करेंगे.

किसानों के लिए बजट

2014: किसानों के लिए कम ब्याज पर ऋण की सुविधा देना.

2019: किसानों के लिए अलग से बजट. बजट से किसानों को पता चल सके कि उनके लिए सरकार क्या कदम उठा रही है. साथ ही किसानों के कर्ज न अदा कर पाने की स्थिति में जो क्रिमिनल ऑफेंस माना जाता था, उसे खत्म किया जाएगा. अब इसे सिविल ऑफेंस माना जाएगा.

आरक्षण बिल

2014: महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और समानता के लिए काम करेंगे. महिला आरक्षण बिल पास कराने के साथ महिलाओं की सुरक्षा और संरक्षण के लिए सिटिजन चार्टर लाएंगे. सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को सस्ती ब्याज दर पर एक लाख तक का लोन देंगे.

2019: संसद और विधानसभा में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देंगे. 17वें लोकसभा के पहले ही सत्र में महिला आरक्षण बिल पास कराया जाएगा.