एक बूंद पानी भी न करें बर्बाद : महापौर

जल संरक्षण आपका साथ विषय पर आयोजित संवाद कार्यक्रम

ग्वालियर । शहर के नागरिक पानी के संकट की गंभीरता को समझें तथा पानी की एक बूंद भी बर्बाद न करें। नागरिक पानी का उतना ही उपयोग करें जितनी आवश्यकता है, साथ ही पानी के रीयूज, रीसाइकिल एवं रीचार्ज के लिए प्रयास करें क्योंकि पानी का यही एकमात्र विकल्प है। उक्ताशय के विचार महापौर विवेक नारायण शेजवलकर ने जल संरक्षण के लिए आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला संवाद में मुख्य अतिथि के रुप में व्यक्त किए।
इस अवसर पर सभापति राकेश माहौर, कलेक्टर राहुल जैन, नगर निगम आयुक्त विनोद शर्मा, मेयर इन काउंसिल के सदस्य धर्मेन्द्र राणा, श्रीमती नीलिमा शिन्दे, पार्षद दिनेश दीक्षित, चतुर्भुज धनौलिया, पुरषोत्तम टमोटिया सहित जलदूत एवं वरिष्ठ नागरिक सेवा संस्थान के नागरिक एवं बडी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे। जीवाजी विश्वविद्यालय के गालव सभागार में आयोजित जल संरक्षण आपका साथ विषय पर आयोजित संवाद कार्यक्रम में अतिथि वक्ता के रुप में डायरेक्टर वेक्टस इंडस्ट्रीज नोयडा अतुल लडडा, कुलाधिसचिव जीवाजी विश्वविद्यालय आर जे राव उपस्थित रहे। कार्यक्रम के प्रारंभ में शिराली रुनवाल ने जल संरक्षण को लेकर स्वरचित कविता का पाठ किया वहीं छोटी से बच्ची चित्रांशी ने पानी बचाओ को लेकर प्रभावशाली भाषण दिया। कार्यशाला में महापौर ने कहा कि पानी की समस्या बहुत ही जटिल समस्या हो गई है, क्योंकि ग्वालियर में पिछले 4 साल से पर्याप्त बारिश नहीं हुई है तथा हमने ककैटो व पेहसारी से भी पानी ले लिया है, हमारे पास तिघरा में केवल जुलाई तक का पानी है। इस पानी को किस प्रकार बचाना है यह हमारे सामने बहुत बडी चुनौती है।
महापौर शेजवलकर ने कहा कि ग्वालियर में स्वच्छता के क्षेत्र में तो लोगों की आदतों में परिवर्तन आना प्रारंभ हो गया है, अब पानी की बचत के लिए भी हमें अपनी आदतों को बदलना होगा। महापौर ने सभी से आग्रह किया कि अगले 4 महीनों तक कोई भी अपने वाहन को न धोएं तथा कपडे बिना धोए जबतक चला सकते हैं चलाएं, अनावश्यक पानी का उपयोग न करें। उन्होंने विशेषज्ञों से भी आग्रह किया कि अभी ग्वालियर में 90 फीसदी घरों में नहाने, कपडे धोने, बर्तन धोने का पानी सीवर में जाता है, इसके लिए कोई ऐसा मॉडल बनाएं जिससे इस पानी का रीयूज हो सके। इस अवसर पर निगमायुक्त विनोद शर्मा ने स्वागत भाषण देते हुए बताया कि जल से ही जीवन की उत्पत्ति हुई है तथा दुनिया भर में जितनी भी बडी बडी सभ्यताओं का विकास हुआ है वह नदियों के किनारे हुआ है। इसलिए जल हमारे जीवन के लिए बहुत ही आवश्यक है।

महापौर ने दिलाई जल संरक्षण की शपथ
जल संरक्षण आपका साथ विषय पर आयोजित संवाद कार्यक्रम के अवसर पर महापौर विवेक नारायण शेजवलकर ने कार्यशाला में उपस्थित सभी जलदूत एवं वरिष्ठ नागरिक सेवा संस्थान के नागरिक एवं बडी संख्या में उपस्थित विद्यार्थियों को जल संरक्षण की शपथ दिलाई।