महलगांव पुलिया के निर्माण में लेटलतीफी से नेताओं और रेलवे प्रशासन की ओर बेरूखी से परेशान जनता

ग्वालियर. शहर में यातायात के बढ़ते दबाव चलते जब सिटीसेंटर पुल जाम की स्थिति निर्मित होती हो वाहन चालक हरिशंकरपुरम के पुलिया वाले रास्ते का उपयोग करते हैं वैसे भी 50 हजार से अधिक आबादी वाले महलगांव और उसके आसपास वाले इलाके की सुविधा के लिये प्रस्तावित अंडरपास पर प्रक्रियाओं का ग्रहण लगा हुआ है। इस परेशानी को लेकर लगता है इस शहर में विकास का रास्ता दिखाने वाला कोई नेता है नहीं, चुनाव के समय लुभावने वादे करते हैं। रेलवे के अधिकारियों की बेरूखी के चलते अंडरपास के निर्माण के लिये न तो एजी ऑफिस की जमीन मिल पा रही है और न ही निजी जमीन का अधिग्रहण हो पाया है।
नतीजा- 5 अक्टूबर को भूमिपूजन के बाद से ही अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। यह अंडरपास बनने से महलगांव, पंतनगर, ओहदपुर, हरिशंकरपुरम, श्रीराम कॉलोनी आदि के निवासियों के लोगों को यातायात की परेशानी से राहत मिलेगी। क्योंकि इन लोगों को एजी ऑफिस रोड से न्यूसिटी सेंटर के बीच 2 किमी की दूरी कम होगी और चक्कर लगाने का समय भी बचेगा।
ऐसे लग रहे 3 अड़ंगे
एजी ऑफिस: इस अंडरपास के लिए एजी ऑफिस की बाउंड्रीवॉल को तोड़कर 18 मीटर अंदर की तरफ बनाया जाना है। जिससे एजी ऑफिस साइड की जगह अंडरपास के लिए मिल सकेगी। इसकी अनुमति के लिए एमपीआरडीसी के प्रबंध संचालक (एमडी) ने 6 अक्टूबर, स्थानीय अधिकारियों ने 2 अप्रैल, 6 सितंबर और 18 सितंबर को एजी ऑफिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के पत्र लिखे। फिर 13 नवंबर को कलेक्टर ग्वालियर ने भी पत्र लिखा है। लेकिन अब तक कोई अनुमति एजी ऑफिस की तरफ से नहीं मिल सकी।
निजी जमीन: अंडरपास निर्माण के लिए मौजूदा पुलिया के आसपास की 0.337 हेक्टेयर निजी जमीन का अधिग्रहण होना है, लेकिन राजस्व और एमपीआरडीसी अधिकारी ये नहीं बता पा रहे कि आखिर अधिग्रहण कब तक होगा।
रेलवे: एमपीआरडीसी ने इस अंडरपास की डिजाइन अनुमोदन के लिए रेलवे के पास कई महीने पहले भेजी, लेकिन रेलवे ने अब तक जवाब नहीं दिया। इस कारण भी काम रुका है। इसी वजह से शहर के अधिकांश आरओबी लेट हुए हैं।