केजरीवाल के लिए आखिर कांग्रेस क्यों है मजबूरी

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बुधवार को कांग्रेस से विनती करते नजर आए कि अगर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस हाथ मिला लें तो बीजेपी को हराया जा सकता है. ये अलग बात है कि उनकी विनती दिल्ली के लिए नहीं बल्कि हरियाणा के लिए थी लेकिन इसके मायने गंभीर हैं. राजनीति की समझ रखने वाले लोग भी जानते हैं कि अरविंद केजरीवाल को विनती करने के मोड में जल्दी नहीं देखा जाता. बावजूद इसके वे कांग्रेस को अपने पाले में मिलाने में लगे हैं, तो इसके नफा-नुकसान की भी उन्हें समझ होगी ही. लोगों को ताज्जुब इसलिए भी है क्योंकि अभी हाल में दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने दो टूक कह दिया कि आम आदमी पार्टी से कोई अलायंस नहीं होगा. अब सवाल है कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी है जो कांग्रेस से गठजोड़ के लिए आम आदमी पार्टी ने अपने सारे घोड़े खोल दिए हैं?