MP में फर्जी सिम बेचने वालों पर की गयी कार्यवाही, MP 7,500 सिम कम्बोडिया में एक्टिव हो रही है ठगी

भोपाल. आपका आधार कार्ड अगर गलत हाथों में चला जाये तो उससे ठगी, फर्जीकॉल और साइबर अपराध किये जा सकते है। ऐसा ही खेल फर्जी सिम कार्ड बेचने वाले गैंग कर रहे थे। केन्द्रीय गृह मंत्रालय की संस्था इंडियन साइबर क्राइम को ऑर्डिनेशन सेंटर आई 4 सी से मिले इनपुट पर मध्यप्रदेश साइबर पुलिस ने ऐसे अपराधियों क खिलाफ 15 दिन का बड़ा अभियान चलाया है। ऐसा जांच में पता चला है कि कई दुकानदार आसानी से सिमकार्ड बेच देते थे। इसके लिये जरूरी दस्तावेज या तो नकली लगाये जाते थे या फिर असली पहचान पत्र की कॉपी का गलत उपयोग किया जाता था। इसी से अपराधियों को नया मोबाइल नम्बर मिल जाता था। जिसका उपयोग ठगी और साइबर फ्रॉड में होता था।
इसमें 20 जिलों में जांचकर 94 संदिग्ध सिम विक्रेताओं की पहचान की गयी है। इनमें से 44 को गिरफ्तार किया गया है इनके पास से लगभग 4,500 फर्जी सिमकार्ड का पता चला है। जिनका उपयोग देशभर और विदेशों से सक्रिय साइबर अपराधी कर रहे थे। यह गैंग कम्बोडिया, थाईलैंड, झारखंड, बंगाल, बिहार, राजस्थान, दिल्ली और उत्तरप्रदेश तक फैले हुए थे।
राज्य साइबर एसपी प्रणय नागवंशी ने बताया है कि इस कार्यवाही के लिये 6 अधिकारियों की एक विशेष टीम बनाई गयी थी। जिन विक्रेताओं ने 100 से अधिक फर्जी सिम बेचे थे। उनकी जांच राज्य साइबर पुलिस ने अपने हाथ में ली है। वहीं से 50 से 100 सिम बेचने वालों पर कार्यवाही जिलों की पुलिस ने की है।
आधार से सिमफ्रॉड कैसे करते हैं
कई बार दुकानदार ग्राहक का थम्ब इंप्रेशन मशीन मे ंसेव कर लेते हैं। आधार की फोटो कॉपी के साथ फर्जी सिम एक्टिवेट कर देते हैं। कुछ साइबर अपराधी बायोमेट्रिक क्लोनिंग कर नकली थम्ब इंप्रेशन बनाकर सिम ले लेते हैं। कई टेलीकॉम एजेंट भी फ्रॉड में शामिल होते हैं।
सलाह: थंब इम्प्रेशन देने के बाद मशीन साफ करवाएं और आधार की फोटो कॉपी पर तारीख-साइन करें।
मेरे नाम पर कितनी सिम, कैसे पता करें?
आपके नाम पर कितनी सिम सक्रिय हैं, यह जानने के लिए सरकारी वेबसाइट https://tafcop.sancharsaathi.gov.in या https://sancharsaathi.gov.in पर जाएं, अपना नंबर डालें और OTP से लॉग इन करें।
ज्यादा सिम मिलें तो क्या करें?
पोर्टल पर ‘This is not my number’ या ‘Deactivate’ पर क्लिक करके आप शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
शिकायत कहां दर्ज कराएं?
साइबर क्राइम के लिए 1930 पर कॉल करें या https://cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें।
कितनी सिम ली जा सकती हैं?
एक व्यक्ति के नाम पर अधिकतम 9 सिम ली जा सकती हैं। जम्मू-कश्मीर, असम व पूर्वोत्तर राज्यों में सीमा 6 सिम।
खतरा बड़ा… क्योंकि सिम आम उपभोक्ताओं के नाम पर हो सकते हैं, सिम बेचने वाले आधार कार्ड का दुरुपयोग करते हैं