MP के कई जिलों में भारी बारिश ने मचाई तबाही
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भोपाल. मालवा-निमाड अंचल में शुक्रवार को भी कई स्थानों पर तेज बारिश हुई। उज्जैन में शिप्रा का जल स्तर फिर से बढ गया है इससे निचले इलाकों में पानी भर गया जिसके कारण नदी-नाले उफान पर है। रतलाम में सडकों पर जहां दो-दो फीट पानी बहने लगा वहीं उज्जैन के निचले क्षेत्रों में दुकानों व घरों में घुस गया।
चंबल और कूनों नदियां उफान पर
श्योपुर जिले की वीरपुर तहसील का दीमरछा गांव शुक्रवार को चंबल और कूनों नदी के पानी से घिर गया। मुख्य रास्ता बंद होने और गांव के पास कूनों और चंबल का संगम होने से स्थिति विकट हो गई। वहीं भिंड में चंबल और क्वारी नदी खरते के निशान से ऊपर पहुंच गई है। अंचल के सबसे बडे शिवपुरी के मडीखेडा डेम के गेट खोलकर लगातार पानी छोडा जा रहा है जिससे दतिया में सिंघ नदी में जलस्तर बढने के कारण सेवडा के छोटा पुल तक पानी पहुंच गया है।
धार के मुलथान में चार मकान गिरे
धार जिले में हालात बिगड़ने लगे हैं। धार के ग्राम मुलथान में चार मकान गिर गए। मनावर के पास ग्राम भुवादा में भी दीवार गिर गई। केसूर में में मुख्य बाजार पर पानी भर जाने से आवागमन बाधित रहा। यहां दुकानों और मकानों में पानी घुस गया। खरगोन जिले के महेश्वर में नर्मदा नदी का सामान्य जलस्तर 140 मीटर के आसपास रहता है। अभी 144 मीटर तक पहुंच गया है, जो सामान्य से चार मीटर अधिक है।
उफान पर नर्मदा नदी
मंडलेश्वर, महेश्वर सहित अन्य नर्मदा के तटीय इलाकों में अलर्ट है। निचली बस्तियों में मुनादी के माध्यम से सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है। जिले में 635.50 मिमी वर्षा दर्ज हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस अवधि में 793.62 मिमी हुई थी। ओंकरेश्वर बांध के 21 और इंदिरा सागर बांध के 12 गेट खुले हुए हैं। ओंकारेश्वर बांध से करीब 10700 क्यूमैक्स पानी छोड़ने से नर्मदा नदी उफान पर है।