ग्वालियर-चंबल संभाग में अति भारी वर्षा का अलर्ट, तिघरा बांध के खुले गेट

भोपाल. मध्यप्रदेश में वर्षा का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव है। रविवार का ग्वालियर, भोपाल, इन्दौर सहित 30 से अधिक जिलों में तेज वर्षा का दौर रहा है। नर्मदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बही तो तिघरा डैम ओवरफ्लो हो गये। अगले 3 दिन ऐसा ही मौसम रहने वाला है। भोपाल में सुबह से ही वर्षा जारी है।
मौमस के मुताबिक सोमवार को ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, अशोकनगर, शिवपुरी, निवाड़ी और टीकमगढ में अति भारी वर्षा का अलर्ट है। आगामी 24 घंटे में यहा 8 इंच तक पानी गिर सकता है। वहीं, नीमच, आगरा मलाव, मंदसौर, राजगढ़, खंडवा, हरदा, विदिशा, सागर, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट और छतरपुर में भारी वर्षा होने का अनुमान है।
इस वजह से ऐसा मौसम
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि रविवार को प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में लो प्रेशर एरिया (कम दवाब का क्षेत्र) एक्टिव रहा। वहीं, दो ट्रफ की एक्टिविटी भी देखने को मिली। इस वजह से अति भारी या भारी बारिश का दौर बना रहा। अगले 2-3 दिन तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा। यानी, जुलाई की विदाई भी भारी बारिश के साथ होगी।
एमपी के 8 जिलों में बारिश का कोटा पूरा
मध्यप्रदेश के ग्वालियर, शिवपुरी, अशोकनगर, मुरैना, श्योपुर, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी में बारिश का कोटा पूरा हो गया है। यहां सामान्य से 37% तक ज्यादा पानी गिर चुका है। टीकमगढ़-निवाड़ी में सबसे ज्यादा 42 इंच बारिश हुई है, जबकि इंदौर में 10 इंच पानी भी नहीं गिरा है। उज्जैन की तस्वीर भी ठीक नहीं है। वहीं, भोपाल और जबलपुर में सीजन की आधी बारिश हुई है। प्रदेश में 16 जून को मानसून ने आमद दी थी। तब से अब तक औसत 24.9 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक 16 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से करीब 9 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है।