पुलवामा और मसूद अजहर पर भारत ने UNSC सहित पूरी दुनिया को दिया सबूत

कुख्यात आतंकी मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र में प्रतिबंध लगाने पर समर्थन हासिल करने के लिए भारत ने दुनिया के सभी देशों में अपने दूतावासों और उच्चायोगों को डॉजियर भेजे हैं. दूतावासों के द्वारा ये सबूत संबंधित देशों को सौंपे गए हैं.

सूत्रों ने आजतक-इंडिया टुडे को बताया कि भारत ने पाकिस्तान को डॉजियर इसलिए भेजे थे, क्योंकि वह कह रहा था कि मसूद और जैश के आतंकी कार्रवाई के बारे में उसके पास कोई सबूत नहीं है. लेकिन पाकिस्तान ने भारतीय डॉजियर को खारिज कर दिया है. एक सूत्र ने कहा, 'वे कुछ अलग व्यवहार करते तो यह चमत्कार ही होता, उनके द्वारा डॉजियर को खारिज करना कुछ ऐसा नहीं है कि जिसकी हम उम्मीद नहीं कर रहे थे.'

पहले संयुक्त राष्ट्र में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को प्रतिबंधित कराने के भारत के सभी प्रयास को चीन बेकार कर चुका है और इसके लिए उसने अपने वीटो पावर का इस्तेमाल किया है, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों को मिलता है. इस बार फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन जब भारत के साथ हैं और उन्होंने फिर से इसके लिए एक नया प्रस्ताव पेश किया है. तो भारत भी न केवल चीन बल्कि सुरक्षा परिषद के 14 सदस्य देशों सहित पूरी दुनिया के उन देशों को इस पर राजी करने की कोशिश कर रहा है, जहां भारत का दूतावास या उच्चायोग है.

सूत्रों ने बताया, 'सभी भारतीय दूतावास और उच्चायोग ने डॉजियर के खास अंश दुनिया के हर देश से साझा किए हैं.' मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के मामले में 13 मार्च की तिथि महत्वपूर्ण है, क्योंकि फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन के द्वारा प्रायोजित बैन के प्रस्ताव में किसी देश के आपत्त‍ि करने की यह अंतिम तिथि है.

एक सूत्र ने बताया, 'हम यूएनएससी के सभी 15 सदस्य देशों तक पहुंचे हैं, न सिर्फ नई दिल्ली स्थित उनके मिशन बल्कि उनकी संबंधित राजधानियों में भी. सभी सदस्य देशों का समर्थन हासिल करने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.' मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट के रूप में सूचीबद्ध कराने के लिए पिछले 10 साल में संयुक्त राष्ट्र में यह चौथा प्रयास है.' इसके पहले 2009, 2016 और 2017 के तीन प्रयास विफल रहे. लेकिन हर बार पाकिस्तान को बचाने के लिए चीन अपने वीटो पावर का इस्तेमाल करता रहा.

तो इस बार यदि चीन ने कोई आपत्ति नहीं की तो 13 मार्च को आतंकी मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में शामिल हो जाएगा. यह अलग बात है कि संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में शामिल करने से किसी आतंकी आका को जेल की सलाखों के पीछे डालने में कोई बहुत मदद नहीं मिलती, इससे एक तरह का दबाव जरूर बनता है. हाफिज सईद को संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी के रूप में नामित किया है, लेकिन वह अब भी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहा है. हालांकि, सूत्रों का कहना है, 'इस मामले में संकेत महत्वपूर्ण है. हम इसके लिए प्रयास कर रहे हैं. ऐसा हुआ तो इसका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक संदेश बड़ा जाएगा. अंतरराष्ट्रीय दबाव बना तो पाकिस्तान को कार्रवाई करनी होगी. हम यही चाहते हैं कि इमरान के मंत्री अजहर के साथ कोई संपर्क न रखें और वह जेल की सलाखों के पीछे हो.'