जैश का मुख्यालय, लश्कर से भी हैं लिंक, भारत की एयरस्ट्राइक का टारगेट बना पाक का बहावलपुर

नई दिल्ली. भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों पर रातभर चले अभियान के तहत हमले किये। पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग डीजी आईएसपीआर ने कोटली, मुरीदके और बहावलपुर सहित 9 जगहों पर भारतीय हमलों की पुष्टि की है। इसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया है। जिसके मुख्य टारगेट जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और लश्कर-ए-तैयबा जैसे जिहादी ठिकाने थे। जो पिछले 3 दशकों से भारत पर बड़े आतंकी हमलों के लिये जिम्मेदार रहे है।
क्यों बनाया बहावलपुर निशाना
पाकिस्तान का 12वां सबसे बड़ा शहर बहावलपुर जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ है। यह शहर लाहौर से करीब 400 किमी दूर है। यहां जेश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय ‘जामिया मस्जिद सुब्हान अल्लाह’ परिसर में स्थित है। जिसे उस्मान -ओ-अली कैम्पस भी कहा जाता है। यह परिसरा 18 एकड़ में फैला हुआ है। जैश-ए-मोहम्मद के लिये भर्ती, फंडिग और ट्रेनिंग का केन्द्र है। भारतीय हमले में यह मस्जिद भी निशाने पर थी। जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक मौलाना मसूद अजहर बहावलपुर का ही रहने वाला है। यहीं एक भारी सुरक्षा वाले परिसर में रहता है। जैश-ए-मोहम्मद पर आधिकारिक रूप से 2002 में प्रतिबंध लगाया गया था। लेकिन यह कार्यवाही केवल कागजों तक ही सीमितस रहीं। संगठभ्न को अपने कैम्प को पूरी तरह से संचालित करने की आजादी दी गयी। जैश-ए-मोहम्मद का कैम्प पाकिस्तान की 31 कॉर्प्स के मुख्यालय एक आर्मी कैंट से कुछ ही दूरी पर स्थित है। ऐसा बताया जाता है कि बहावलपुर में एक खुफिया परमाणु ठिकाना भी मौजूद है। कैंप की इस छावनी के पास मौजूदगी आईएसआई की तरफ से जैश-ए-मोहम्मद को दिये जा रहे समर्थन और सुरक्षा का सबसे बड़ा सबूत है।
जैश-ए-मोहम्मद का क्या है इतिहास
24 दिसम्बर 1999 को हरकत-उल-मुजाहिद्दीन के 5 आतंकवादियों से इंडियर एयरलाइंस की एक फ्लाइट को हाईजैक कर लिया था। जिसमें 190 यात्री और चालक दल के सदस्य थे। विमान को काठमांडू से दिल्ली लाया जा रहा था। लेकिन उसे अमृसगर, लाहौर, दुबई होते हुए कंधार (तालिबान के कब्जे वाले अफगानिस्तान) ले जाया गया। भारत को 3 आतंकियों मसूद अजहर, उमर शेख और मुश्ताक जरगर को छोड़ने के लिये मजबूर होना पड़ा।
कौन है मसूद अजहर?
1968 में जन्मे मसूद अजहर को 1994 में भारत में गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी से पहले वह अफगानिस्तान के आतंकी संगठन हरकत-उल-मुजाहिदीन (HuM) का सदस्य और एक मौलवी था. रिहाई के बाद मसूद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद (JeM) की स्थापना की. यह संगठन कट्टरपंथी इस्लामी विचारधारा वाले देवबंदी स्कूल से प्रेरित है. JeM ने अन्य सक्रिय आतंकी संगठनों के साथ मिलकर 2000 के बाद भारत में कई हमले किए, जिनमें जम्मू-कश्मीर विधानसभा और भारतीय संसद पर हमले शामिल हैं.जैश-ए-मोहम्मद की शुरुआत 31 जनवरी 2000 को कराची में हुई थी. आतंकवादी गतिविधियों को शुरू करने से पहले अजहर अफगानिस्तान गया था, जहां उसने अल-कायदा के पूर्व प्रमुख ओसामा बिन लादेन से मुलाकात की थी.इस संगठन को ISI से न सिर्फ बुनियादी ढांचे में मदद मिली, बल्कि फंडिंग और विदेशी दौरे कराने में भी सहयोग मिला. JeM के पहले कुछ सदस्य हरकत-उल-मुजाहिदीन के कैडर से ही आए थे. बहावलपुर स्थित मुख्यालय का इस्तेमाल मुख्य रूप से भर्ती, फंड जुटाने और ब्रेनवॉश करनेके लिए होता है, जबकि आतंकवादी ट्रेनिंग कैंप खैबर पख्तूनख्वा और पीओके में स्थित हैं.
जामिया मस्जिद सुब्हान अल्लाह
यह मस्जिद, जो एक मदरसे के रूप में सामने आती है, JeM की एक फ्रंटल संस्था अल-रहमत ट्रस्ट द्वारा फंड की जा रही थी. 2011 तक यह एक साधारण इमारत थी, लेकिन 2012 तक इसे एक बड़े ट्रेनिंग सेंटर में बदल दिया गया. सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि यह परिसर 18 एकड़ में फैला है, जिसमें एक बड़ी मस्जिद, 600 से अधिक छात्रों के लिए मदरसा, स्विमिंग पूल, घोड़ों के लिए अस्तबल और एक जिमनैजियम शामिल हैं.