सुशील की आंसू भरी विदाई, पत्नी बोली -आतंकी सामने थे पर उन्होंने हमें छिपाकर बचा लिया

इन्दौर. आतंकियों ने सुशील को घुटनों के बल बैठाया और कहा कि कलमा पढ़ो। सुशील बोले-मैं तो क्रिशिचयन हू, कैसे पढूंगा। आतंकियों की हरतकत देखकर सुशील ने तत्काल मुझे और बच्चों को वहां दूर कर दिया। कुछ ही पलों के बाद आतंकियों ने सुशील को गोली मार दी। एक गोली बेटी आकांक्षा के पैर में लगी। देर तक अफरा-तफरी मची रही।
कुछ समझ पाते, उससे पहले ही सुशील की सांसें थम चुकी थी। पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले वीणा नगर निवासी नथानिएल की पत्नी जेनिफर ने यह पीड़ा साझाा की। सुशील एलआईसी में ब्राच मैनेजर थे और अलीराजपुर में पदस्थ थे।