Ujjain: होटल की 5वीं मंजिल पर लगी आग, महाकाल के दर्शन करने आए भक्त फंसे, मचा हड़कंप

उज्जैन. उज्जैन जिले के थाना देवास गेट इलाके में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब यहां स्थित होटल चंद्रगुप्त की 5वीं मंजिल पर आग लग गई. रेलवे स्टेशन के सामने बनी इस होटल में 22 अप्रैल तड़के 3 बजे आग अचानक लगी. जिस वक्त आग लगी उस वक्त होटल में करीब 70 से 75 लोग इसमें मौजूद थे. इनमें महिला, बच्चे, बुजुर्ग और युवा शामिल थे. आग लगने से ये सभी मुसाफिर होटल के अंदर ही फंस गए. सूचना मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड तुरंत मौके पर पहुंचे. करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया. दूसरी ओर, आसपास के लोगों और होटलकर्मियों ने भी यात्रियों को पड़ोस की धर्मशाला की छत से कूदकर सुरक्षित बाहर निकाल लिया.

गौरतलब है कि यात्रियों में अधिकतर लोग बाबा महाकाल के दर्शन करने लखनऊ, ग्वालियर व अन्य जगहों से उज्जैन पहुंचे थे. कई यात्री दर्शन कर लौटने वाले थे, तो कई लोग रात में ही उज्जैन पहुंचे. फिलहाल सभी यात्री सुरक्षित हैं. बता दें, होटल के अंदर सुरक्षा के इंतजाम नाकाफी थे. यहां अग्नि शामक यंत्र बंद पाए गए. होटल से निकलने का रास्ता भी एक ही था. बताया गया कि आग शार्ट सर्किट से लगी है. जिस वक्त आग ने विकराल रूप धारण किया उस वक्त तक न कोई इलैक्ट्रिशियन और न ही कोई प्रशासनिक अधिकारी या जनप्रतिनिधि वहां मौजूद थे.


प्रत्यक्षदर्शी ने बताई ये कहानी
प्रत्यक्षदर्शी रजत गहलोत ने बताया कि मैं होटल के सामने से निकल रहा था तो देखा कि वहां आग लगी हुई है. मैंने कई यात्रियों को बाहर खड़ा होकर चिल्लाते और परेशान होते देखा. मैं तुरंत होटल से 50 मीटर दूर स्थित देवास गेट थाना गया और पुलिसकर्मियों को बुलाकर लाया. उसके बाद सभी यात्रियों का रेस्क्यू शुरू किया गया. गहलोत ने बताया कि होटल के अंदर आग बुझाने से संबंधित कोई साधन नहीं थे, न ही किसी होटलकर्मी द्वारा तत्काल जिम्मेदारों को सूचित किया गया था.

मच गई अफरा-तफरी
होटल में रुके यात्री बाबा महाकाल के दर्शन करने आए थे. ये यात्री ग्वालियर, लखनऊ सहित कई जगहों से आए थे. यात्रियों ने कहा कि हम अंदर रूम में सो रहे थे. लाइट बार-बार बंद-चालू हो रही थी. बच्चे परेशान थे. उसके बाद अचानक चिल्लाने की आवाज आने लगी. हम रूम के बाहर निकले तो देखा कि आग लगी हुई है. हम जैसे-तैसे होटल के बाहर आए. होटल के सारे रूमों में धुआं हो गया था. अंदर सांस लेना भी मुश्किल था. श्रद्धालुओं ने कहा कि बाबा महाकाल की कृपा से सभी सुरक्षित हैं. होटल कर्मियों ने दरवाजे खुलवाकर सबको बाहर आने को कहा. हमने सामान होटल में ही छोड़ दिया था.