ग्वालियर कृषि विश्वविद्यालय का कारनामा, मनमानी शर्तो पर 3 डायरेक्टर और 2 डीन को दी नियुक्ति, नियुक्तियां हुई रद्द

राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में प्रथम श्रेणी अधिकारियों की भर्ती में न केवल मनमर्जी कीशर्ते रखी गयी है। बल्कि जिसे चाहा उसे नियुक्ति दे दी गयी। जब यह मामला विधानसभा में आया तो आनन-फानन में कृषि विभाग ने यह नियुक्तियां निरस्त कर विश्व विद्यालय निरस्त कर विवि को आदेश दिया कि विधिवत तरीके से फिर से चयन किया जाये। जिन पदों पर भर्ती की गयी। उनमें संचालक अनुसंधान संचालक विस्तार सेवायें, संचालक शिक्षण और डीन के 2 पद शामिल हैं।

इन शर्तो का किया उल्लघंन

डीन के 4 पदों में एक-एक अजा व अजजा, एक ओबीसी और एक पद सामान्य के लिये रखा गया। अजा-अजजा का उम्मीदवार नहीं मिला। ओबीसी और सामान्य के एक-एक पद पर नियुक्ति कर दी गयी हैं ओबीसी आरक्षण में क्रीमीलेयर है। यानी 8 लाख रूपये तक की आय की बाध्यता है। डीन का एक वर्ष का वेतन 25 लाख रूपये से अधिक है। फिर भी आरक्षण दे दिया गया है।

विज्ञापन के बीच भर्ती शर्त थी कि एक पद के लिये 5 लोगों को इंटरव्यू के लिये बुलाया जायेगा। विश्वविद्यालय ने हर पद के लिये आये 15 से 20 आवेदकों में से सभी इंटरव्यू का आमंत्रण दे दिया।

अप्वाइंटमेंट जनवरी में हुए थे

जनवरी में ही अप्वाइंटमेंट हुए थे कुछ प्रक्रियाओं के उल्लंघन की बात हुई थी। सरकार से आदेश जारी हुआ था। उसी आधार पर आगे की कार्यवाही की जायेगी।
एसके राव, कुलपति, राजमाता विजयाराजे सिंधिया कषि विश्वविद्यालय, मप्र

सवाल लगाया तो चयन निरस्त

शुरू में पूछा तो कहते थे कि चयन प्रक्रिया सही है। सबकुछ नियम के तहत हुआ है। सवाल लगाया तो अब चयन को निरस्त किया। इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए।’

राकेश मावई, विधायक, मुरैना

दोषी पर कार्रवाई करेंगे

नियुक्तियां निरस्त कर दी गई हैं। जांच के आदेश दे दिए हैं। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। इंटरव्यू के दौरान ज्यादा और कम नंबर की बात भी सामने आई है।

कमल पटेल, कृषि मंत्री, मप्र