बनारस के घाटों पर विहिप और बजरंद दल ने चिपकाए पोस्टर - गैरहिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित

वाराणसी. तुगलकी फरमान का नाम तो आपने सुना ही होगा. यदि देखना है तो बनारस के घाटों पर आपको दिख जाएगा. यहां पर हिंदुवादी दो संगठनों ने ऐसे पोस्टर्स चिपकाए हैं, जो न सिर्फ लोगों की भावनाएं आहत कर रहे हैं, बल्कि एक दर्शनीय स्थल पर पर्यटकों को पहुंचने से भी रोक रहे हैं.

आइए आपको बताते हैं कि इन पोस्टर्स में क्या लिखा है जो इतना हंगामा बरप रहा है. दरअसल दो हिंदुवादी संगठनों ने बनारस के घाटों पर कुछ पोस्टर्स चिपकाए हैं और इन पर गैरहिंदुओं को चेतावनी दी है. पोस्टर के जरिए कहा है कि यहां गैरहिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित है. साथ ही लिखा है कि यदि चेतावनी के बाद भी गैरहिंदू यदि गंगा घाट तक आएंगे तो उन्हें वहां से खदेड़ दिया जाएगा.

शहनाई के जादूगर मरहूम भारतरत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान जिस गंगा के किनारे शहनाई से सुर साधना करते थे, उन घाटों पर ऐसे पोस्टर दर्शाते हैं कि कैसे लोग विवाद पैदा करने के बहाने ढूंढ़ते हैं. ये पोस्टर विश्व हिन्दू परिषद व बजरंग दल द्वारा लगाए गए हैं. काशी के गंगा घाटों के अलावा और भी मंदिरों में ऐसे पोस्टर लगाने की योजना है. ये पोस्टर दरभंगा घाट, मणिकर्णिका, गाय घाट, राम घाट, त्रिलोचन घाट आदि इलाकों में लगाए गए हैं. खबर लिखे जाने तक इस मामले में पुलिस की ओर से कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया है. हालांकि बताया जा रहा है कि पुलिस इन पोस्टर्स को हटाने का काम कर रही है.

पिकनिक स्पॉट नहीं गंगा घाट

बजरंग दल काशी महानगर संयोजक निखिल त्रिपाठी ‘रुद्र’ का कहना है कि अब हिंदू समाज को अपनी ताकत दिखाते हुए अपने धर्म और समाज की रक्षा के लिए स्वयं आगे आना होगा. निखिल त्रिपाठी ने कहा कि ये पोस्टर नहीं चेतावनी है. ये उन लोगों के लिए चेतावनी है जो हमारी मां गंगा को पिकनिट स्पॉट समझते हैं. अगर वो दूर नहीं रहे तो बजरंग दल उन्हें दूर कर देगा.

विहिप महानगर मंत्री राजन गुप्ता का कहना है कि ये पोस्टर नहीं संदेश है. गैर सनातन धर्मियों के लिए. गंगा के घाट, मंदिर सनातन धर्म की आस्था के प्रतीक है. हम पोस्टर के जरिए संदेश देना चाहते हैं कि वे हमारी आस्था के प्रतीक से दूर रहें. अगर उनकी हिंदू धर्म में आस्था है तो उनका स्वागत है. अगर आस्था नहीं है तो हम उनको यहां से खदेड़ने का भी काम करेंगे. ये सभी का घाट नहीं है. ये हिंदू संस्कृति की मूल धरोहर है. ये हिंदुओं के घाट हैं. ये भारतीय संस्कृति की धरोहर है.