मप्र में पीएम मोदी के आने पर हो गया सब ओपन, बीजेपी में कुछ भी ठीक नहीं

भोपाल. भोपाल में आयोजित जनजातीय सम्मेलन के मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राज्यपाल-मुख्यमंत्री के अलावा चुनिंदा नेताओं में मोदी कैबिनेट के 6 मंत्री थे। इनमें से मंत्री कार्यक्रम शुरू होने के करीब 1 घंटा पहले मंच पर पहुंच गए थे लेकिन दोनों ने आपस में बातचीत करना तो दूर एक दूसरे से नजर तक नहीं मिलाई। इसमें से एक तो मंच पर पहुंच कर अपनी रिजर्व कुर्सी पर बैठ गए लेकिन दूसरे जिनकी कुर्सी ठीक उनके बाजू में थी वे तब बैठे जब प्रधानमंत्री मंच पर आए। तब तक उन्होंने अपना कुछ समय पहले तो पत्रकारों के बीच जाकर बिताया फिर मंच पर वापस आकर भोपाल सांसद से बात करने लगे। हां इतना जरूर देखा गया कि जब पीएम मंच पर आए और सभी ने अपने स्थान पर खड़े होकर उनका स्वागत किया तब दोनों मंत्रियों ने एक-दूसरे की तफर देखकर बात की वह भी कुछ सेकेंड।

पीएम मोदी के भोपाल दौरे के दौरान फूल पॉलिटिक्स भी हुई। हुआ यह कि पीएम का स्वागत करने के लिए प्रदेश पदाधिकारियों की लंबी-चौड़ी लिस्ट बनाकर पीएमओ भेजी गई। करीब 120 पदाधिकारियों के कोरोना का आरटी-पीसीआर टेस्ट भी करा लिया गया। उन्हें कहा गया कि मुलाकात के दौरान एक गुलाब का फूल देकर स्वागत करना है। सुना है कि सिर्फ 38 नेताओं को अनुमति दी गई जबकि नाम ज्यादा थे। यानी कई नाम कट गए। इस तर्क दिया गया कि आईबी क्लीयरेंस नहीं मिलने के कारण नाम काटे गए हैं। सुना है कि उन्होंने फूल का आर्डर पहले ही दे दिया था, लेकिन लेने नहीं गए। दुकान या कहें फूल-गुलदस्ते का शो रूम (इसका भी सियासी नाता है) से फोन पर सूचना भेजी गई- फूल रेडी है…एक नेता का जवाब था- अब क्या फूल खरीदू, मैं तो खुद ‘फूल’ बन गया। बता दें कि अधिकांश नेताओं ने यहीं से फूल खरीदे थे।